नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्रसंघ के 15 जून, 2007 को पारित एक प्रस्ताव के बाद दुनिया में शांति और अहिंसा के प्रणेता महात्मा गाँधी के जन्म दिवस को “अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस” मनाने की कड़ी में 2अक्टूबर 2021को आरजेएस राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डा.बिन्देश्वर पाठक के सानिध्य में किया गया।
डा.पाठक ने कहा कि सुलभ इंटरनेशनल ने मैला ढोने वालों के जीवन में सम्मान के साथ जीने की कला सिखाई। टोंक ,अलवर में गांधी के विचारों को जमीन पर उतारा गया। यहां समानता, भाईचारा, शिक्षा के साथ-साथ छुआछूत दूर किया गया ।यही कारण है कि 2003 में जो महिला मैला ढोती थी,वह स्वच्छता की आइकॉन बनीं और राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त किया।
आरजेएस-टीजेएपीएस केबीएसके अमृत गाथा के 12वें वेबीनार का आयोजन विश्व अहिंसा दिवस पर राम जानकी संस्थान के राष्ट्रीय संयोजक उदय मन्ना और तपसिल जाति आदिवासी प्रकटन्न सैनिक कृषि विकास शिल्पा केंद्र के सचिव सोमेन कोले की अगुवाई में हैल्दी यू फाउंडेशन के सहयोग से किया गया। वेबिनार में अतिथियों और सहभागियों का स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन आरजेएस ऑब्जर्वर दीप माथुर ने किया और गांधी पर स्वरचित कविताओं के साथ संचालन लेखक-पत्रकार मनोहर मनोज ने किया। वेबिनार में पाॅजिटिव स्पीकर हरियाणा की शिक्षिका प्रेरणा रस्तोगी और आरजेएस सकारात्मक भारत सूचना-केंद्र, जमशेदपुर की सविता सहाय रहीं।
गांधी-शास्त्री जयंती और के. कामराज तथा राजकुमारी अमृत कौर की पुण्यतिथि पर आरजेएस राष्ट्रीय वेबीनार में श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्य अतिथि गांधीवादी कुसुम शाह और राधा भट्ट, लेखक राकेश पाण्डेय और डा.नरेंद्र सैनी ने स्वच्छता से स्वास्थ्य: अहिंसा से शांति पर व्याख्यान दिया। वेबिनार की अध्यक्षता प्रो. बिजाॅन मिश्रा ने की।
गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा, दिल्ली की अध्यक्षा कुसुम शाह ने कहा कि गांधी की दृष्टि व्यापक थी। उन्होंने सिर्फ शरीर और वातावरण की सफाई ही नहीं ,मन को स्वस्थ रखने पर भी जोर दिया था। वहीं वेबिनार की मुख्य वक्ता गांधी शांति प्रतिष्ठान, दिल्ली की पूर्व अध्यक्षा राधा भट्ट ने कहा 17 साल उम्र की शुरुआत से ही वह गांधी के विचारों से प्रभावित हुईं और सरला बहन ने इसे विश्वास में बदल दिया । लक्ष्मी आश्रम को गांधी के विचारों का आश्रम बनाया। सुश्री भट्ट उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र में छे हजार फीट ऊंचाई से वेबिनार को संबोधित कर रही थीं।
वेबीनार की अध्यक्षता करते हुए कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन के संस्थापक-अध्यक्ष प्रोफेसर बिजॉन मिश्रा ने कहा गांधी और शास्त्री हमें उत्तरदायित्व सिखाते हैं । समस्या आने पर भागीदारों के साथ बैठकर अहिंसा के रास्ते समाधान खोजा जा सकता है। उपभोक्ता आंदोलन में खराब वस्तु का बहिष्कार एक सकारात्मक कदम है । इसलिए नकारात्मक लोगों और वस्तु का बहिष्कार संविधान प्रदत्त कानूनी रूप से किया जा सकता है। गांधी का अहिंसा का रास्ता ही शाश्वत सत्य है। सम्मानित अतिथि दिल्ली मेडिकल काउंसिल की साइंटिफिक कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र सैनी ने कहा कि हैंड सैनिटाइजर तभी कारगर है जब उसमें 70% अल्कोहल हो और यह साफ हाथों पर प्रयोग किया जाए । गंदे हाथों में हैंड सैनिटाइजर कारगर नहीं है ,इसके लिए तो साबुन और पानी से सफाई करना ही सुरक्षित है।
डा.नरेंद्र टटेसर और हरीश कुमार शर्मा आदि के द्वारा पूछे गए सवालों का वक्ताओं ने समुचित जवाब दिया।
आरजेएस का राष्ट्रीय सम्मान दिवंगत बिमला देवी (मानगो,जमशेदपुर) की स्मृति में महात्मा गांधी के नाम पर और स्व०बिरेंद्र प्रसाद सिंह (कसाप,बिहार)की स्मृति में लालबहादुर शास्त्री के नाम पर उनके परिजनों ने घोषित किया।
वेबिनार के अंत में उदय मन्ना साप्ताहिक फेसबुक लाईव शो प्रत्येक रविवार को सायं 8 बजे करने की घोषणा हुई। आजादी की आजादी की अमृत गाथा का आगामी आरजेएस राष्ट्रीय वेबिनार 10,12और 17 अक्टूबर 2021 को आयोजित करने की घोषणा की गई।