हुक्मदेव नारायण यादव पूर्व सांसद एवं डॉ0 राम मनोहर लोहिया के विचार के प्रबलसमर्थक ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिए गए बयान “शराब पीने वाले हिदुस्तानी नही महापापी और महाअयोग्य” इस पर पूर्व सांसद हुक्मदेव नारायण यादव ने भी सहमति प्रकट की है । डॉ० लोहिया तथा और बाद में जननायक कर्पूरी ठाकूर जी के नेतृत्व में समाजवादी शराब पीने के विरूद्धअभियान चलाते थे। शराब बन्दी के कारण महिलाओं को सम्मान मिला है| शराबी अपनी पत्नियों के साथ जानवर जैसा व्यवहार करते है। सभी जाति के निर्धन वर्ग को खासकर पिछड़े और दलित समाज के सामाजिक जीवन में परिवर्तन आने लगा है। केवलकहने से काम नहीं चलेगा। नैतिकता को जब राजशक्ति का सहारा मिलता है तभीउसमें शक्ति होती है नही तो उसके बिना नैतिकता नपुंसक रहती है। उसी तरह नैतिकता विहीन राज सत्ता भी राक्षस बन जाती है। शराबीयों का समाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए। उसके सभी नागरिक अधिकार छीन लिए जाए। सरकारी सुविधाएं बन्द कर दी जाए। उनका फोटो प्रखंड और जिला में लगाया जाए| सबसे पहले शराबमाफियों के सभी अधिकार छीन कर आजीवन कारावास दिया जाना चाहिए। राजनैतिकऔर प्रशासनिक संरक्षण देने वालों को सबसे पहले जेल में बन्द कर उनके सभी अधिकार समाप्त कर देना चाहिए तथा वैसे लोग आजीवन चुनाव नही लड़ सके |
ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। समाज के सभी वर्ग के युवजन इस कान्ति में सकिय भूमिका का निर्वाह करे। जब तक शराब बन्दी नहीं होती है जब तक खास कर पिछड़े वर्ग औरनिर्धन वर्ग का समग्र उत्थान नहीं हो सकता है। दुर्भाग्य है कि कुछ पिछड़े वर्ग और दलित समाज के नेता शराब बन्दी कानून का मजाक उडाते है वे अपने ही समाज केगरीबों के दुश्मन है। श्री नीतीश कुमार को निडरता पूर्वक काम करना चाहिए।
CM नीतीश कुमार के दिए गए बयान “शराब पीने वाले हिदुस्तानी नही महापापी और महाअयोग्य” पर पूर्व सांसद हुक्मदेव नारायण यादव ने भी सहमति प्रकट की
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