सवाल – नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट के मामले में दूसरे यूनिवर्सिटी से कैसे अलग है?
नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में प्लेसमेंट को लेकरप्रो.(डॉ.)उमा भारद्वाज ने कहा कि पूरा फोकस उनका प्लेसमेंट को लेकर रहता है। इस साल कि बात करें तो उनके यूनिवर्सिटी से 83% प्लेसमेंट हुआ है। साथ ही उन्होनें कोशिश है कि प्लेसमेंट को पूरे 100% तक ले जाया जाये। हम उन बच्चों के लिए भी करियर काउंसलिंग करने का प्रयास कर रहे हैं जो प्लेसमेंट चाहते ही नहीं हैं बल्कि हमारे यहां तो पहले सेमेस्टर से ही उनकी करियर काउंसलिंग शुरू कर दी जाती है।
सवाल-आपका फोकस बच्चों की ट्रेनिंग से लेकर उनके करियर तक है। इस काम को किस तरीके से पूरा किया जाता है ?
हम बड़ी इंडस्ट्रीज के साथ समन्वय स्थापित करते हैं और फिर धीरे-धीरे बच्चों को उनके यहां हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के लिए भेजना शुरू करते हैं। हमारा मकसद सिर्फ छात्रों का दाखिला करवाकर पढ़ाई करवाने तक ही सीमित नहीं है। हम डिग्री के साथ-साथ उन्हें अच्छा प्लेसमेंट दिलाने के लिए भी काम करते हैं। यदि कोई बच्चा अपना खुद का स्टार्ट-अप शुरु करना चाहता है तो नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी उन बच्चों को भी काफी सपोर्ट करती है और अगर कोई बाहर किसी दूसरे देश में जाकर अपनी हायर स्टडीज करना चाहे तो उसमें भी काफी मदद करते हैं। हम हर बच्चे को विकास चाहते हैं ।
सवाल-आपने उच्च शिक्षा की बात की तो यूनिवर्सिटी कीरिसर्च एंड डेवलपमेंट को लेकर क्या रणनीति है?
नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी का पूरा फोकस बच्चों के विकास पर है। यह विकास हम बेहतर प्लेसमेंट, स्पोर्ट्स एक्टिविटी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट के जरिये करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक साल के अंदर 21 पेटेंट्स नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने फाइल किया है जिसमें 10 पेटेंट्स पब्लिश हुए हैं और 8 अवॉर्डेड हैं।
सवाल-आप ऐसे छात्रों की मदद कैसे करती हैं जो मेधावी तो हैं लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर हैं ?
ऐसे हर छात्र के लिए हम स्कॉलरशिप प्रोग्राम चलाते हैं और अभी भी 50% से अधिक बच्चों को ट्यूशन फीस में राहत के लिए सकॉलरशिप दी जा रही है। यही वजह है कि हम देश ही नहीं दुनिया के कई देशों के छात्रों के लिए पसंदीदा संस्थान बने हुए हैं और हमारे यहां 40 से अधिक देशों के छात्र पढ़ रहे हैं।
सवाल-नये छात्रों और अभिभावकों के जोड़ने के लिए आपके यहां किस तरह की गतिविधियां होती हैं ?
देखिये, नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने हाल ही में एक ‘प्रिंसिपल समिट’आयोजित की थी जिसमें दिल्ली-एनसीआर के डेढ़ सौ से अधिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने भाग लिया। ‘फ्यूचरस्टिक एजुकेशन ’शीर्षक से हुए इस सम्मेलन में हमने उन्हें अपने कार्यों और दृष्टि के बारे में बताया और 2022-23 सत्र को ध्यान में रखते हुए मिलजुलकर एक मसौदा तैयार किया। यह मसौदा सेकेंड्री और हायर एजुकेशन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।
सवाल-नई शिक्षा नीति के विजन और इम्पलीमेंटेशन को लेकर आप क्या कहेंगी ?
हमारी नई शिक्षा नीति होलिस्टिक एजुकेशन पर जोर देती है यानी हर छात्र का सर्वांगीण विकास। हम भी इसी के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। एक छात्र स्कूल की पढ़ाई के बाद जब अंडर ग्रेजुएट कोर्स में दाखिला लेता है तो वह यह तय करने की स्थिति में आ जाये कि उसे आगे क्या करना है । इसमें हम उसकी पूरी मदद करते हैं । हमारा काम सिर्फ परंपरागत पाठ्यक्रमों को चलाने का ही नहीं है बल्कि हम समाज और बाजार की जरूरत के हिसाब से नये-नये डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स भी लाते रहते हैं। ऐसा ही एक कोर्स आध्यात्मिकता को लेकर है ताकि छात्रों के बौद्धिक विकास के साथ-साथ उनका आध्यात्मिक विकास भी हो सके ।
नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो.(डॉ.) उमा भारद्वाज सेखास बातचीत वरिष्ठ पत्रकार बिपुल कुमार के साथ..
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