दिल्ली: भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है| और यह हम सबके लिए बड़े ही गर्व की बात है कि अमृतकाल के प्रारंभ में ही भारत को जी20 जैसे दुनिया के महत्वपूर्ण संगठन की अध्यक्षता का अवसर प्राप्त हुआ ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जी20 के विजन को साकार करने के लिए एवं युवाओं को अधिक से अधिक जोड़ने के लिए जनप्रतिनिधि भी आगे आ रहे हैं और उनका भरपूर समर्थन मिल रहा है |
इसी क्रम में लोकसभा सांसद कमलेश पासवान, बांसगांव (उत्तर प्रदेश)
ने जी20 एवं युवामंथन मॉडल जी20 का भरपूर समर्थन किया है और इसके महत्त्व के बारे में भी बताया |
युवामंथन के कार्यों से प्रभावित होकर उन्होंने यूनिवर्सिटी एवं कॉलेजों से युवामंथन मॉडल जी20 के साथ जुड़ने की अपील की और मिलकर जी20 थीम पर आधारिक कार्यक्रम आयोजित करने एवं अधिक से अधिक छात्रों को इस मुहिम में जोड़ने के लिए भी कहा |
सांसद कमलेश पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्त्व में भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित करने का यह एक सुनहरा अवसर है, और जी20 का सम्मेलन भारत में होना इसका पहला कदम है| इसमें युवाओं की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है | मुझे ख़ुशी है कि युवामंथन मॉडल जी20, युवा20 के साथ मिलकर युवा शक्ति को जोड़ने का जो व्यापक अभियान चला रहा है| यह अति सराहनीय पहल है|
भारत दुनिया का सबसे युवा देश है, हमारी जनसंख्या का 50 प्रतिशत भाग 29 वर्ष से कम आयु की है। राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है| किसी भी आयोजन को सफल बनाने एवं राष्ट्र के विकास को गति देने में युवाओं का प्रमुख योगदान होता है | क्योंकि युवाओं में ही रिस्क लेने की क्षमता सबसे अधिक रहती है, नई सोच और नये इनोवेशन भी युवाओं द्वारा ही किये जाते हैं |
युवामंथन मॉडल G20 युवाओं को आगे आने और वैश्विक मुद्दों पर अपने विचारों एवं नवाचारों को साझा करने का अवसर प्रदान करता है, जो नीति निर्माताओं और विश्व के नेताओं के समक्ष अपने विचार साझा करने का मौका देता है।
आपको बता दें कि युवामंथन मॉडल जी20 ने 10 हजार से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में मॉडल G20 शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई है। यह छात्रों के नए दृष्टिकोण से वैश्विक समस्याओं को हल करने का एक सुनहरा अवसर है ।
युवामंथन मॉडल जी20 द्वारा युवा शक्ति को जोड़ने का जो व्यापक अभियान चला रहा है| यह अति सराहनीय पहल है: सांसद कमलेश पासवान
RELATED ARTICLES