शादी के पांच महीने बाद ही कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए. 10 फरवरी 2023 को उनकी शादी हुई थी और 19 जुलाई 2023 को वह वीरगति को प्राप्त हो गए. इस सर्वोच्च बलिदान के लिए उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति ने पांच जुलाई को शहीद अंशुमान की पत्नी स्मृति और मां मंजू सिंह को यह सम्मान दिया. पति की शहादत के बाद शहीद अंशुमान की पत्नी स्मृति ज्यादा दिन ससुराल में नहीं रहीं. वह तुरंत ही मायके चली गईं.
बता दें कि शहीद अंशुमान के माता पिता ने अपनी बहू की तारीफ में कई बातें कही हैं लेकिन उन्हें कई बातों का दुख भी है । शहीद अंशुमान के माता पिता ने बताया कि मेरी बहू बहुत अच्छी थीं साथ ही उन्हें चाय बनाना या खाना बनाना नहीं आता था इसलिए मैंने अपनी बेटी को उनके पास छोड़ दिया था ताकि उन्हें कोई तकलीफ नहीं हो साथ ही कैप्टन की माँ मंजू सिंह ने
ने बताया कि शुरुआती दौर में जब मेरा बेटा बाहर ड्यूटी पर था तो 4 महीने मैं खुद बहू के साथ रही. जब मेरा बेटा शहीद हो गया तो देवरिया के घर पर तेरहवीं तक बहू रहीं. तेरहवीं के दिन उनके परिवार वालों ने कहा कि धार्मिक आयोजन के लिए बेटी को ले जा रहे हैं, जल्दी ही वापस आ जाएगी.
बता दें कि मंजू सिंह ने एक चीज का और जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बेटे की बरसी पर घर में पूजा होती है, जिसमें पत्नी का रहना जरूरी होता है, मैंने बहू को फोन किया. बहू आपको पूजा में 1 दिन के लिए आना है, जरूरी है क्योंकि पत्नी के बगैर कोई भी पूजा हिंदू धर्म में पूरी नहीं होती है. पहले बहू ने कहा मम्मी मैं आऊंगी फिर उसके बाद मेरा नंबर ब्लॉक कर दिया ।
उन्होंने आगे कहा कि जब बेटे को कीर्ति सम्मान चक्र पाने की घोषणा हुई तो मैंने बहू को फोन किया. बहू बेटे को यह सम्मान मिलना है तो उसने कहा कि मम्मी मैने भी देखा और सुना है. जब हम लोग सम्मान लेने गए तब भी मेरी कोई बातचीत नहीं हुई.