भ्रष्टाचार के खिलाफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है ये तो हम सभी जानते है जैसे हाल ही में IAS अधिकारी देवी शरण उपाध्याय हैं. अलीगढ़ में 35 भूखंडों के पट्टों को मनमाने तरीके से बहाल करने के आरोप में उन्हें सस्पेंड किया गया है. सीएम योगी के निर्देश पर उन्हें निलंबित किया गया है. वह 2012 बैच के IAS अधिकारी हैं.
बता दें कि देवी शरण योगी सरकार में सस्पेंड होने वाले पहले अधिकारी नहीं हैं. योगी आदित्यनाथ 2017 में सत्ता में आए थे. 7 साल के उनके कार्यकाल में अब तक कई IAS-IPS अधिकारी निलंबित किए जा चुके हैं. इस लिस्ट में सबसे पहले नाम हिमांशु कुमार का है. आदित्यनाथ द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के कुछ दिनों बाद 25 मार्च 2017 को हिमांशु कुमार को निलंबित कर दिया गया था साथ ही
2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार को सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट करने के बाद निलंबित कर दिया गया था. बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया था. उसी साल 24 मई को तत्कालीन एसएसपी सहारनपुर सुभाष चंद्र दुबे को जिले में जातीय झड़पों को नियंत्रित करने में विफल होने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. इस घटना में एक युवक की मौत हो गई थी. जिले में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार और उसे जिंदा जलाए जाने की घटना के बाद संभल के तत्कालीन एसपी आरएम भारद्वाज को निलंबित कर दिया गया था ।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भष्ट्राचार के खिलाफ कारवाई में लिया कड़ा एक्शन
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