नई दिल्ली में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने जेआईटी के सहयोग से “भारत में प्लास्टिक को कम करने और सर्कुलर इकोनॉमी विकसित करने के लिए प्रिंटर इंक की बोतलों और छोटे उपकरणों के पुन: उपयोग के लिए जेआईसीए-वित्त पोषित एसडीजी बिजनेस वैलिडेशन सर्वे के तहत जेआईटी द्वारा प्रयुक्त स्याही की बोतलों के निपटान के लिए रीसाइक्लिंग बॉक्स का शुभारंभ समारोह” आयोजित किया।
कार्यक्रम में भारत में जापान के असाधारण और पूर्णाधिकारी राजदूत महामहिम हिरोशी सुजुकी ने कहा, जेआईटी द्वारा प्रयुक्त स्याही की बोतलों के निपटान के लिए रीसाइक्लिंग बॉक्स की स्थापना का प्रयास भारत में महत्वपूर्ण बताया।
डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने डीएमआरसी के साथ अपने पहले भागीदार के रूप में भारत में इस स्थायी पहल को लाने के लिए जापान का आभार व्यक्त किया । पीएचडीसीसीआई के कार्यकारी निदेशक डॉ. रंजीत मेहता ने कहा, आर्थिक विकास के लिए स्थिरता केंद्रीय है और कहा कि जलवायु परिवर्तन एक गंभीर खतरा है। साथ ही जेआईसीए इंडिया कार्यालय के वरिष्ठ प्रतिनिधि तोमोहिरो अरिमा ने कहा, 15 स्टेशनों पर रीसाइक्लिंग बॉक्स लगाए गए हैं, और जेआईटी इंक के अध्यक्ष मासातो इशिजाका ने इस्तेमाल की गई स्याही की बोतलों के निपटान के लिए रीसाइक्लिंग बॉक्स की जेआईटी द्वारा इस नेक पहल का समर्थन किया।
जापान ने भारत में प्लास्टिक को कम करने के लिए नई पहल की शुरुआत की
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