साल 2005 के दिल्ली ब्लास्ट में तीन में से दो आरोपी मोहम्मद फजली और रफीक शाह को अदालत ने किया बरी
सरोजनी नगर बम ब्लास्ट मामले में फैसला आ गया है पटियाला हाउस कोर्ट ने तारिक अहमद डार की अब तक जेल में बिताई गयी सज़ा को उचित मान कर रिहा करने का आदेश दिया बाकी दोनों आरोपी बरी हो गये हैं इस फैसले से दिल्ली पुलिस को बड़ा झटका लगा है पीड़ित हाईकोर्ट में चुनौती देंगे
साल 2005 के दिल्ली ब्लास्ट में तीन में से दो आरोपी मोहम्मद फजली और रफीक शाह को अदालत ने बरी कर दिया है जबकि तारिक अहमद डार की सजा पूरी मान ली गई है डार को कोर्ट ने धारा 302 और 121 का दोषी नहीं माना है
सभी आरोपी 11 साल से जेल में हैं नवम्बर 2005 में धमाके के बाद गिरफ्तार हुए थे यह सीरियल ब्लास्ट 29 अक्टूबर 2005 में दिल्ली में हुए थे इसमें तारिक अहमद डार मोहम्मद हुसैन फ़ाज़ली और मोहम्मद रफीक शाह इस मामले में आरोपी हैं।
पटियाला कोर्ट ने 2008 में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिया था तारिक अहमद डार को ब्लास्ट का मास्टरमाइंड बताया गया है। दिल्ली पुलिस के चार्जशीट में कहा गया था कि तारिक अहमद डार लश्कर ये तैय्यवा आतंकी गुट से सम्बन्ध रखता था उसके फ़ोन कॉल डिटेल से ये बात साबित हुई है।
गुलाम अहमद खान और फारुख अहमद बाटलु ने गुनाह कबूल कर लिया था जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को छोड़ दिया था गौरतलब है कि दिवाली से दो दिन पहले 29 अक्टूबर 2005 में राजधानी दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट हुए थे तीन जगहों पर ब्लास्ट हुए थे पहाड़गंज मार्किट गोविंदपुरी और सरोजनी नगर मार्किट में ब्लास्ट हुए थे।
तीनों ब्लास्ट में कुल 62 लोगो की मौत हुई थी और 210 से ज्यादा लोग घायल हुए थे । सरोजनी नगर मार्किट में हुए धमाके में सबसे ज्यादा 43 लोगो की मौत हुई थी।
अक्टूबर 2005 में दिवाली से दो दिन पहले सीरियल ब्लास्ट हुए थे सरोजिनी नगर कालकाजी और पहाड़गंज में हुए इन बम धमाकों के सिलसिले में पुलिस ने तीन अलग-अलग केस दर्ज किए थे तीनों धमाकों में 62 लोग मारे गए थे सिर्फ सरोजनी नगर के धमाके में ही 50 लोगों की मौत हो गयी थी इस मामले में तारिक अहम डार मोहम्मद हुसैन फाजिली और मोहम्मद रफीक शाह आरोपी है।