78% पेरेंट्स सेक्सटिंग को लेकर चिंतित रहते हैं
एक समय था जब पेरेंट्स बच्चों के ड्रिंक करने को लेकर परेशान रहते थे लेकिन अब पेरेंट्स की नई परेशानी है बच्चों का सेक्सटिंग में लिप्त रहना।
सेक्सटिंग यानी अश्लील सामग्री, तस्वीरें, फोटो, मैसेज, वीडियो सोशल नेटवर्किंग के जरिए एक-दूसरे को भेजना। हाल ही में आई यूके की एक रिसर्च के मुताबिक, पांच से चार पेरेंट्स अपने बच्चों की स्मोकिंग, ड्रिंकिंग हैबिट के बजाय सेक्सटिंग को लेकर चिंतित हैं।
प्रोफेसर सोनिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आज के समय में यंग लोग इंटरनेट का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि वे इसके इस्तेमाल से कितने खतरे में हैं और उन्हें क्या–क्या फेस करना पड़ता है। वे इंटरनेट पर कितने सेफ हैं, इन सबके बारे में बताया है।
शोधकर्ता के मुताबिक, ऑनलाइन खतरे बहुत अधिक बढ़ते जा रहे हैं। ये रिसर्च एक पोल के जरिए की गई। जिसमें पाया गया कि अधिकत्तर पेरेंट्स अपने बच्चों की ड्रिंकिंग और स्मोकिंग के हैबिट्स के बजाय सेक्सटिंग को लेकर टेंशन में रहते हैं।
यूगोव सर्वे के मुताबिक, 78% पेरेंट्स सेक्सटिंग को लेकर चिंतित रहते हैं। जबकि 69% बच्चों की एल्कोहल लेने की आदत को लेकर चिंतित रहते हैं वहीं 67% पेरेंट्स को बच्चों की स्मोकिंग हैबिट्स को लेकर चिंता है।