लखनऊ में मारे गए आतंकी सैफुल्लाह के पिता ने बेटे को देशद्रोही बताकर शव लेने से किया इनकार। सैफुल्लाह के भाई खालिद ने बताया है कि पुलिस के कहने पर उसने सैफुल्लाह से बात की थी और सरेंडर करने को कहा था लेकिन वो नहीं माना और आखिरकार मारा गया।
आतंकी सैफुल्लाह के पिता सरताज ने अपने बेटे का शव लेने से मना कर दिया है। सैफुल्ला के पिता सरताज ने कहा, ”बेटे का शव ना लेने की वजह यही है कि उसने कभी मेरा कहा नहीं माना। उसका फोन आखिरी बार जब आया था तो उसने कहा था कि मेरा सऊदी का वीज़ा हो गया है इसलिए हम जा रहे हैं। हम देशद्रोही बेटे का शव नहीं लेंगे. जो देश द्रोही है वो मेरा बेटा नहीं हो सकता।
सैफुल्ला के पिता ने कहा, ”ढाई महीने पहले हम उससे कहा करते थे कि काम किया करो लेकिन वो सुनता नहीं था, वो अपने दोस्तों के साथ ज्यादातर बाहर ही रहा करता था। ये देर रात से घर को आते थे जिससे मैं बहुत नाराज था। एक दिन हमने बहुत मारा और डांटा। सुबह मैं ड्यूटी चला गया शाम को घर आया तो पता चला कि वो भाग गया है।
इससे पहले, कानपुर शहर और पड़ोसी जिले उन्नाव से पकड़े गये दो संदिग्धों को पूछताछ के लिये यूपी एटीएस की टीम आज सुबह लखनऊ ले गयी। इन दोनों के परिजन से भी एटीएस ने पूछताछ की और इस दौरान अन्य संदिग्धों की तलाश में पुलिस का अभियान आज दूसरे दिन भी जारी रहा।
संदिग्धों के शिक्षक पिता ने अपने बेटों को निर्दोष बताया। कानपुर के रिटायर्ड टीचर नसीम के दो बेटों फैसल और इमरान पर आतंकी होने का शक है, सैफुल्लाह इन्हीं का चचेरा भाई था। फैसल और इमरान के पिता नसीम का कहना है कि उनके बेटे बेकसूर हैं।