मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में कैबिनेट मंत्री श्री प्रकाश पंत के साथ उनके विभागों पेयजल एवं स्वच्छता तथा गन्ना विकास विभाग की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने ग्रीष्मकाल के दौरान पेयजल की कमी वाले क्षेत्रों में विभाग द्वारा की जा रही वैकल्पिक व्यवस्था की जानकारी ली। बताया गया कि इस वर्ष कुल 316 बस्तियों में पेयजल की समस्या आई है। जिसमें 151 टैंकरो से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। जबकि गत वर्ष इसी समय में 474 बस्तियों में समस्या आई थी, जिनके लिए 191 टैंकरों का उपयोग किया गया था।
मुख्यमंत्री ने देहरादून सहित प्रदेश के विभिन्न भागों में घटते पेयजल स्रोतों और भू-जल स्तर पर चिंता व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सभी पेयजल स्रोतो के नये सर्वे और मैपिंग के कार्य को तेजी से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता समितियों, मंगल दलों और स्कूली छात्र-छात्राओं को भी जल स्रोतो की अवस्था व देख-रेख के बारे में जागरूक किया जाए। उन्होंने छोटे-छोटे जलाशयों को बनाकर ग्राउण्ड वाॅटर रिचार्ज और पेयजल आपूर्ति करने हेतु ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा कि भू-जल स्रोतो के सर्वे के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीकि की भी मदद ली जा सकती है। मुख्यमंत्री ने पेयजल की उपलब्ध के साथ-साथ पेयजल की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने जल संस्थान को पानी की टंकियो की नियमित सफाई कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जल संस्थान को मीटर लगाने का काम भी तेज करने को कहा जिससे लोगों में जल के अपव्यय की प्रवृत्ति पर रोक लगे।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश के कुल 92 नगरो में 26 में सीवर की व्यवस्था की गई है। सभी नगरो में सीवरेज प्रणाली और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए 4229 करोड़ रूपये की आवश्यकता है। कुल ग्रामीण 39209 बसावटों में 21776 बसावटों में पूर्ण रूप से जलापूर्ति हो रही है और 17433 बसावटों में आंशिक रूप से पेयजल आपूर्ति हो रही है। 3042 बस्तियों के लिए विभिन्न कार्यक्रमों में योजनाएं स्वीकृत है। शेष 14391 बस्तियों में नई योजनाएं शुरू करने के लिए 3402 करोड़ रूपये की जरूरत पडेगी।
चारधाम यात्रा मार्ग में पेयजल की सभी पोस्ट चालू कर दी गई है। केदारनाथ धाम में 72 जल कनैक्शन दिये जा चुके है। बैठक में सचिव पेयजल श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती राधिका झा, अपर सचिव डाॅ.राघव लांगर, अपर सचिव गन्ना श्री प्रदीप रावत सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।