पंजाब सरकार ने अपने पहले बजट में कर्ज के बोझ पर लगाम लगाने के साथ-साथ राज्य की आर्थिक हालत को स्थिर करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पंजाब में आज अपना पहला बजट पेश किया। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए इस बजट में कर्ज के बोझ पर लगाम लगाने के साथ-साथ राज्य की आर्थिक हालत को स्थिर करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने अपने 1,18,237.90 करोड़ रुपये के इस बजट में शिक्षा और सामाजिक क्षेत्रों पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में कर्ज के बोझ को कम करने के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन को 2017-18 में 65.77 फीसदी बढ़ाकर 10,580.99 करोड़ रुपये करने की घोषणा की। मंत्री ने कहा, ”सरकार के सामने भारी बजटीय दबाव में पंजाब के लोगों से किए वादों को पूरा करना बड़ी चुनौती है। पहले साल में हम दो स्तरों पर ध्यान केंद्रित करेंगे कर्ज के बोझ को क्रमिक ढंग से घटाना और राजकोषीय स्थिति में सुधार।” उन्होंने सदन को बताया कि राज्य का कुल बकाया 31 मार्च को 1,86,618 करोड़ रुपये था।
अपने चुनाव पूर्व वादे को पूरा करते हुए सरकार ने युवाओं को स्मार्टफोन उपलब्ध कराने के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। शिरोमणि अकाली दर के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया भी मौजूद थे। आम आदमी पार्टी ने कर्ज के मुद्दे को लेकर वॉक आउट किया।