भविष्य में युद्ध जरूरी नहीं है कि सेनाओं के बीच हो, युद्ध सेनाओं को ही नहीं राष्ट्र को भी लड़ना पड़ता है।
आर्मी चीफ विपिन रावत ने कहा कि युद्ध के लिए केवल सेना को ही नही बल्कि पूरे राष्ट्र को तैयार रहना चाहिए। डोकलाम विवाद भले ही खत्म हो गया हो लेकिन खतरे की संभावनाएं खत्म नहीं हुई हैं। इस बात का अंदाजा आज सेनाध्यक्ष बिपिन रावत के बयान लगाया जा सकता है। सेनाध्यक्ष ने चीन और पाकिस्तान से सावधान करते हुए कहा, “सेना को नहीं पूरे राष्ट्र को चीन और पाकिस्तान से एक साथ युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए।”
सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा, ”हाल ही में डोकलाम विवाद के दौरान हमने देखा कि किस तरह हमारा विरोधी सैनिकों से सीधे लड़ने से पहले ही साइबर, मीडिया, सायकोलॉजिकल और इंफो वॉरफेयर शुरु कर देता है। हालांकि ये सीधे युद्ध में तब्दील नहीं हुआ लेकिन हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। हम दो तरफ से दुश्मन से घिरे हुए हैं।”
सेनाध्यक्ष ने कहा, “ये मानना कि अगर हम अपनी सैन्य ताकत बढ़ा लेंगे तो युद्ध नहीं होगा, गलत है। क्योंकि भविष्य में युद्ध जरूरी नहीं है कि सेनाओं के बीच हो। हाल ही में डोकलम विवाद मे देखा कि लड़ाई से पहले चीन ने साईक्लोजिक्ल इत्यादि वॉरफेयर शुरु कर दिया। यानि युद्ध सेनाओं को ही नहीं राष्ट्र को भी लड़ना पड़ता है।