नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले का 26वां संस्करण 6 से 14 जनवरी के बीच यहां प्रगति मैदान में आयोजित होगा. इसमें देशभर के 800 से ज्यादा प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं. साथ ही पुस्तक मेले में 40 देश भी हिस्सा ले रहे हैं. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा (एनबीटी) आयोजित किए जाने वाले 9 दिवसीय मेले की थीम पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन’ है.
एनबीटी के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि थीम मंडप हॉल नम्बर 7 में है और इसमें जलवायु परिवर्तन और जल प्रदूषण को प्रमुखता से दर्शाने की कोशिश की गई है. इसके तहत पुस्तकों की विशेष प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा, जिनमें सभी भारतीय भाषाओं एवं अंग्रेजी भाषा की किताबें होंगी. उन्होंने बताया कि इसके अलावा, थीम मंडप में जलवायु परिवर्तन को दर्शाने के लिए आकर्षक चित्र प्रदर्शनी और पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन होगा. उन्होंने बताया कि इस बार यूरोपीय संघ मेले में अतिथि के रूप में हिस्सा ले रहा है.
बलदेव भाई शर्मा के मुताबिक, मेले में यूरोपीय संघ में शामिल 27 देशों के साथ ईरान, मेक्सिको, जापान, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन समेत 40 देश हिस्सा ले रहे हैं. इनके अलावा यूनेस्को और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां इसमें शामिल हो रही हैं.
एनबीटी के प्रमुख ने बताया कि यूरोपीय संघ के लिए एक विशेष मंडप तैयार किया गया है जिसमें समृद्ध एवं गतिशील यूरोपीय संस्कृति एवं साहित्य का प्रदर्शन किया जाएगा. संघ के सदस्य देश अंग्रेजी तथा अन्य यूरोपीय भाषाओं की चुनिंदा पुस्तकों का प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने बताया कि मेले का आयोजन 30 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में किया जा रहा है. इसमें 800 प्रकाशक भी हिस्सा ले रहे हैं.
उन्होंने बताया कि तकरीबन 1500 स्टॉलों पर हिन्दी, उर्दू, मैथिली, गुजराती, बांग्ला, मराठी, संस्कृत और अंग्रेजी समेत विभिन्न भाषाओं की पुस्तकों का प्रदर्शन किया जाएगा. शर्मा ने बताया कि मेले के टिकट 50 से ज्यादा मेट्रो स्टेशनों पर मिलेंगे. इसके अलावा स्कूली वर्दी में आने वाले छात्रों को निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा.