आईएसआईएस जैसी सगंठन का नौजवानों पर पर्भाव
इस्लामिक स्टेट एक मुस्लिम संगठन है जिनके आका कहीं दूर बैठे इराक से आॅडर देते है और ये कही भी अपनी जान देने को तयार हो जाते है। आई स आई का नाम सुनते हि जो सबसे पहला चीज हमारे दिमाग में आता है वो है डर और उसके बाद एक सवाल आता है ‘ये है कौन’?ये कुछ लड़के होते है जो दाढ़ि बढा़ए काला मुखौटा लगाए जिनकी उम्र 20-30 साल के बीच होगी और ये चारों तरफ से धर्म का काला चादर ओढे होते हैं। पर इनके साथ ऐसा क्या होता है कि ये बिना अपनो कि परवाह किए किसी एक आका के हुकम पर कहि भी अपनी जान देने को त्यार हो जाते है।ये एक अमीरों की छावों मे पलने वाले संगठन है जिसका नाम निरंतर तौर पर 2006 से अखबार और न्युज चैनलों के माध्यम से सुनने को मिलने लगा।अबु ओमर अल बगदादि इनका नेता है और ईनके आका हामीद दाऊद मोहमद खलिल अल जावि [ईराक] और अल मोसरी[इजिप्ट] जो 2010 में मारे गए। इनका काम ये था की वो नौजवानों के दिमाग को ऐसि दिशा मे भ्रमीत करते है जैसे अब उनका कोई है ही नही। वो नौजवानों से कहते है की हमारे मुसलमान कौम को नेतर्त्व करने वाले लोगो को धीरे धीरे खत्म कर दीया गया है और अब हम मुसलमानों को एक हि नेता एक ही इमाम के शरन मे आ जाना चाहिए। और ऐसे सब मूसलमान नौजवानों के दिमाग को धर्म के नाम पर भटकाते है और अपने जिहाद से जुड़ने को कहते है। अब आते है अपने देश के नौजवानों पे इनका क्या असर देखने को मिलता है।
हमारे नेताओं का कहना है कि आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने भारत के बहुत कम नौजवानों को अपनी तरफ आकर्षित किया है और दोनों केंद्र और राज्य सरकारों ने उनके ईस तरह कि सोच के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत की है, सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को बताया।
“अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन, जैसे इस्लामिक स्टेट (आईएस), इस्लामी राज्य इराक और लेवेंट (आईएसआईएल), इस्लामी राज्य इराक और सीरिया (आईएसआईएस) / दास, दुनिया भर से नौजवानों को आकर्षित करने के लिए दोनों सकारात्मक और नकारात्मक इमेजरी का उपयोग करता है ।
इस्लामिक स्टेट (आईएस) को विभिन्न नामों से जाना जाता है और अबू बक्र–अल बगदादी के तहत एक खलीफा की स्थापना की गई है। मौजूदा कानूनी प्रावधान, आतंकवादी वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित अपराधों को निबटने के लिए प्रभावी साधन हैं। सरकार ने कहा, “केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा काउंटर–क्रांतिकारीकरण और डी–क्रांतिकारीकरण के मुद्दों से निपटने के लिए विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे हैं।“
मंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों में आतंकवादियों को मौत की सजा देने और सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में आतंकवादियों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शनों या प्रदर्शनों की खबरें मिली हैं। “पुलिस और सार्वजनिक आदेश राज्य के विषय हैं, संबंधित राज्य सरकारों को कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार ऐसे तत्वों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ।
एक और सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी और महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु पुलिस ने आईएसआईएस के साथ भारतीय युवाओं के कथित संबंधों की जांच के लिए मामलों की जांच की है और अब तक 54 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
“कुछ लोगों को केरल के कुछ हिस्सों से लापता होने की सूचना मिली है, जिन्हें आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों में शामिल होने का संदेह है, लेकिन उनके संबंध अभी तक स्थापित नहीं हुए हैं। केरल पुलिस ने इस संबंध में नौ मामलों का पंजीकरण कराया है, । सरकार कि माने तो हमारे नौजवानों पर इसका कोइ खासा असर तो नही है पर ये अपनि विचारधारा का प्रचार कर रहा है और दुनिया भर के नौजवानों को आकर्षित करने के लिए ये धर्म को सहारा बनाते है और सोशल मीडिया जैसे चीज को माध्यम बनाते है।
भारत सरकार के आकड़ों के मूताबिक अब तक 75 संदिग्ध आईएसआईएस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है जो कि केरल (21), तेलंगाना (16), कर्नाटक (9), महाराष्ट्र (8), मध्य प्रदेश (6), तमिलनाडु (4), उत्तराखंड 4), उत्तर प्रदेश (3), राजस्थान (2), जम्मू और कश्मीर (1) और पश्चिम बंगाल (1) ये 2017 का आंकलन है।