सुप्रीम कोर्ट ने एक दंपति के सात साल पुराने वैवाहिक झगड़े को निपटाया.
आमतौर पर सर्वोच्च न्यायालय में बड़े मामलों पर सुनवाई होती है. लेकिन शुक्रवार को यहां सुनवाई के दौरान एक अलग ही घटना हुई, जिसने सभी को भाव विभोर कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने एक दंपति के सात साल पुराने वैवाहिक झगड़े को निपटाया था. जिस पर दंपति के दस साल के बेटे ने जजों को धन्यवाद कहा और लड़के ने अपने हाथ से लिखा हुआ धन्यवाद पत्र न्यायाधीशों को दिया. मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश जस्टिस कुरियन जोसेफ और मोहन एम शांतानागूदर ने बच्चे के धन्यवाद पत्र को अपने फैसले का हिस्सा बनाया.
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दंपति के दस साल के बेटे ने इस मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को हाथ से लिखा धन्यवाद पत्र दिया. धन्यवाद पत्र में उसने लिखा कि भगवान के पास हमेशा आपके लिए कुछ होता है. हर समस्या की चाबी, हर अंधकार के लिए रौशनी, हर दुख के लिए राहत और हर कल के लिए एक प्लान.
सात साल पुराना था मामला
मई 1997 में इस दंपति की शादी हुई थी. जिसके बाद 2011 में दोनों ने अलग होने का फैसला किया. इस दंपति के दो बच्चे हैं. वैवाहिक संबंध ठीक न होने के दंपति अलग-अलग रहने लगे. बाद में दोनों में संबंध इतने खराब हुए कि दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ आपराधिक मामले भी दर्ज कराए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने कराया तलाक
जब ममला सुप्रीम कोर्ट के पास आया तब कोर्ट ने पहले दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता कराने के लिए व्यक्ति नियुक्त किया. मध्यस्थता कराने की यह कोशिश सफल नहीं हो पाई. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को न्यायालय में पेशी के लिए समन भेजा और जजों ने इल मामले में दोनों पक्षों में आपसी सहमति के साथ तलाक का फैसला किया.