बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सीबीआई से क्लीन चिट मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तेज प्रताप यादव के खिलाफ याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बंद कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में कहा है कि तेज प्रताप यादव द्वारा कोई आपराधिक कार्य सामने नहीं आया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब तेज प्रताप यादव का आरोपी मोहम्मद कैफ और जावेद के साथ फोटो पर किसी तरह की कार्यवाई नहीं होगी. इसी के साथ सीबीआई की क्लीन चीट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई बंद कर दी.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बाद में कोई आपराधिक भूमिका सामने आती है तो याचिकाकर्ता हाईकोर्ट जा सकता है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट बिहार के सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में सुनवाई कर रहा था. पिछली सुनवाई में सीबीआई ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था. गौरतलब है कि सीबीआई पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप सिंह की मोहम्मद कैफ और जावेद के साथ फोटोग्राफ की जांच कर रही थी.
दरअसल पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बिहार के पूर्व बाहुबली नेता शहाबुद्दीन और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप सिंह के ख़िलाफ हत्या के आरोपियों मोहम्मद कैफ और मोहम्मद जावेद की मदद और शरण देने के मामले में FIR दर्ज कर जांच की मांग की थी.
आपको बता दे अपराधियों ने 13 मई, 2016 की शाम सीवान में ‘हिन्दुस्तान’ समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ राजदेव रंजन की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वे कार्यालय से अपनी मोटरसाइकिल पर सवार होकर घर जा रहे थे. बिहार सरकार ने पत्रकार संगठन और विपक्षी दलों की मांग के बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. मृतक के परिजनों का प्रारंभ से ही आरोप रहा है कि इस हत्या के पीछे उस समय सीवान जेल में बंद शहाबुद्दीन का हाथ है. वर्तमान समय में सीवान में दो भाइयों की तेजाब डालकर हत्या के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद शहाबुद्दीन दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं.