विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह इराक में मारे गए 39 में से 38 भारतीयों के अवशेषों को अमृतसर पहुंचे हैं. अमृतसर में 31 शवों को उतारा जाएगा, जिनमें पंजाब के 27 और हिमाचल प्रदेश के 4 शव हैं. इराक में कुल 39 भारतीय मारे गए थे, लेकिन एक शव का डीएनए पूरी तरह मैच नहीं होने की वजह से वहां से क्लियरेंस नहीं मिला है.
इस दौरान वीके सिंह ने बताया कि डीएनए मैच करना काफी मुश्किल था. उन्होंने कहा कि इराक में 40 भारतीयों का कोई रिकॉर्ड नहीं था. शव का पता लगाने में इराक सरकार की मदद के लिए वीके सिंह ने उनका धन्यवाद किया.उन्होंने बताया था कि 38 लोगों के शव मिलें, जबकि 39वें शव का डीएनए मैच किया जाना अभी बाकी है. जिसके बाद आज विशेष विमान से 38 शवों को लेकर वीके सिंह भारत पहुंचे हैं. वो रविवार को मोसुल रवाना हुए थे. अमृतसर एयरपोर्ट पर पार्थिव अवशेष लेने पहुंचे कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मृतकों के परिवारवालों को 5-5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है. साथ ही ये भी कहा है कि हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. अमृतसर के बाद विमान कोलकाता के लिए उड़ान भरेगा, जहां शाम 5.30 बजे पहुंचेगा. यहां से विमान सीधे पटना जाएगा और रात करीब 8.30 बजे यहां पहुंच जाएगा.इराक में ताबूतों को विमान में चढ़ाए जाने पर भारत के विदेश राज्य मंत्री वी के. सिंह ने उन्हें सलामी दी. इस दौरान सिंह ने आतंकवादियों की आलोचना की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी सरकार के रुख को जाहिर किया.
उन्होंने आईएसआईए को ‘बेहद क्रूर संगठन’ बताते हुए कहा कि हमारे देश के नागरिक आईएस की गोलियों के शिकार हुए हैं. हम लोग हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं.’ आपको बता दे मारे गए कुछ लोगों के परिवारों ने 26 मार्च को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की थी. इस महीने, विदेश मंत्री ने संसद को बताया था कि आतंकी समूह आईएसआईएस ने जून 2014 में इराक के मोसूल से 40 भारतीयों का अपहरण कर लिया था, लेकिन उनमें से एक खुद को बांग्लादेश का मुस्लिम बताकर भाग निकला था. उन्होंने कहा था कि बाकी 39 भारतीयों को बदूश ले जाया गया और उनकी हत्या कर दी गई.
बता दें कि पंजाब के 27 और हिमाचल के चार लोगों के पार्थिव अवशेष अमृतसर में उतारे जाएंगे. अमृतसर के बाद सम्बंधित राज्यों के पार्थिव अवशेष शाम 6 बजे कोलकाता और 8 बजे पटना पहुंचेंगे. सरकार का कहना है कि पीड़ित परिवारों को एयरपोर्ट आने की ज़रूरत नहीं है, अपनों के पार्थिव अवशेष उनके घरों तक पहुंचाए जाएंगे.