नई दिल्ली:चीन का निष्क्रिय हो चुका अनियंत्रित स्पेस स्टेशन टियांगोंग-1 सोमवार (2 अप्रैल) तड़के क्रैश हो गया. स्पेस स्टेशन टूटकर दक्षिण प्रशांत महासागर में आकर गिरा है. हालांकि वैज्ञानिकों ने कहा है कि टियांगोंग-1 के गिरने की सही जगह बता पाना मुश्किल है. गनीमत रही कि इस स्पेश स्टेशन के गिरने से किसी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है. चीन के स्पेस इंजीनियरिंग ऑफिस के मुताबिक 8 टन वजनी टियांगोंग-1 का ज्यादातर हिस्सा समुद्र में गिरने से पहले ही जल गया था. वैज्ञानिकों ने भी स्पेस स्टेशन के धरती पर आने से किसी भी नुकसान की आशंका से इनकार किया था.
बताया जा रहा है कि धरती पर गिरते वक्त अंतरिक्ष स्टेशन बहुत ही तेज गति से बिखरने लगा और चमकीले आग के गोले में तब्दील हो गया. देखने में वह उल्का पिंड जैसा लग रहा था. इससे पहले ईएसए ने कहा था, ‘यह बहुत ही तीव्र गति से धरती के वायुमंडल में प्रवेश करेगा और विखंडित प्रयोगशाला का मलबा न्यूजीलैंड से लेकर अमेरिकी मिडवेस्ट के बीच कहीं भी गिर सकता है. चाइना मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग ऑफिस ने इससे पहले अपने सोशल मीडिया अकाउंट वी चैट पर कहा, ‘‘लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.’
उसमें कहा गया था, ‘यह अंतरिक्ष यान पृथ्वी से नहीं टकराएगा जैसा कि विज्ञान- काल्पनिक फिल्मों में दिखाया जाता है, लेकिन यह चमकीले पदार्थ (लगभग उल्का पिंड जैसा) में तब्दील हो जाएगा और पृथ्वी की तरफ आने के क्रम में यह पूरे आकाश में एक टूटते तारे की तरह घूमते हुए दिखाई देगा.’
टियांगोंग-1- ‘हैवेनली पैलेस’ को सितंबर 2011 में कक्ष में स्थापित किया गया था, जो चीन का अपना एक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की दिशा में अति महत्त्वपूर्ण कदम था. इस स्थिति के लिए लोग सोशल मीडिया पर चीनी सरकार की आलोचना कर रहे हैं.