पिछले साल की तुलना में जब्त किए जाने वाली गाड़ियों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा है।
परिवहन विभाग ने दिल्ली में परमिट शर्तों की धज्जियां उड़ाकर चलने वाली गाड़ियों को सीधे जब्त करना शुरू कर दिया। बार- बार चालान के बाद भी अवैध रूप से चलने वाली गाड़ियों को अब जब्त किया जा रहा है और पहले तीन महीने के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल की तुलना में जब्त किए जाने वाली गाड़ियों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा है। अगर आंकड़ों की माने तो 2017 में पहले तीन महीनों में 4 से 5 हजार गाड़ियां जब्त की गई थी। वहीं इस साल जनवरी, फरवरी और मार्च में कुल 12216 वाहनों को जब्त किया जा चुका है। इसके अलावा अप्रैल के पहले हफ्ते में ही अब तक कुल 1381 गाड़ियां जब्त की जा चुकी हैं। इस संबंध में परिवहन विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इंटरस्टेट कैरिज की काफी बसें अवैध रूप से दिल्ली में चलती हैं और इन बसों के 15-15 बार चालान भी किए जा चुके हैं लेकिन चालान भरने के बाद ये गाड़ियां फिर से सड़कों पर आ जाती है। उन्होंने बताया कि इसी को देखते हुए विभाग द्वारा अब इन बसों को जब्त किया जा रहा है और परमिट रद्द करने की भी सिफारिश की जा रही है। दिल्ली में मार्च तक यूपी की 210 बसें, राजस्थान की 534 बसें, दिल्ली की 46 और दूसरे स्टेट की 41 बसों को जब्त किया जा चुका है। प्राइवेट कार को कमर्शल यूज करने के मामले में 327 गाड़ियों को जब्त किया गया है। इसके अलावा 1379 थ्री वीलर को भी जब्त किया गया है।
खास बात यह है कि नियमों के उल्लंघन के मामले में अब दुपहिया वाहनों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई के दौरान 15 दुपहिया वाहन भी जब्त किये गए हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2016 में कुल 16041 वाहनों को जब्त किया गया था और 2017 में यह संख्या 24765 रही। वहीं 2018 में पहले तीन महीनों में जब्त किए जाने वाले वाहनों की रफ्तार बहुत बढ़ी है और नया रिकॉर्ड बना है। वाहन विभाग के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि इस साल डिपार्टमेंट ने तय किया है कि परमिट शर्तों का उल्लंघन करने पर अब पहली बार में ही गाड़ी को जब्त किया जाएगा, जिससे कि सड़कों पर अनुशासन कायम किया जा सके।