ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी दी है. चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा है कि परमाणु समझौते से हटने पर अमेरिका को ‘गंभीर परिणाम’ भुगतने होंगे. रूहानी ने कहा कि 2015 में P5+1 के साथ तेहरान ने जो परमाणु समझौते किया था अगर कोई इस समझौते पर धोखा देता है, तो उसे यह समझ लेना चाहिए कि उसे काफी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
टीवी पर सीधे प्रसारण में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस समझौते से अंत तक जुड़ी हुई है और ट्रंप को समझौते से अलग नहीं होने की चेतावनी दी. इस समझौते पर अमेरिका के अलावा रूस, चीन, जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस ने हस्ताक्षर किए थे. रूहानी ने कहा, “मैं व्हाइट हाउस में बैठे लोगों को बता देना चाहता हूं कि अगर वो अपने वादे पर कायम नहीं रहे, तो ईरान की सरकार इसपर बहुत कठोर प्रतिक्रिया देगी.”
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने 24 अप्रैल को ईरान के साथ एक नये परमाणु समझौते का आह्वान किया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने तीन साल पुराने समझौते को ‘‘बेतुका’’ बताते हुए उसकी निंदा की. वहीं मैक्रों ने ट्रंप के साथ वॉशिंगटन में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं कह सकता हूं कि इसे लेकर हम दोनों के बीच खुलकर चर्चा हुई. इसलिए हम अब से ईरान के साथ एक नये समझौते की दिशा में काम करना चाहते हैं.’’
ट्रंप के यूरोपीय सहयोगियों ने बार-बार अनुरोध किया था कि वे 2015 के करार से पीछे न हटें जिसमें ईरान को प्रतिबंधों से बड़ी राहत और नागरिक परमाणु कार्यक्रम की गारंटी दी गई थी. इसके बदले में ईरान को उन कार्यक्रमों पर रोक लगानी थी जिनका इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने में हो सकता था.