बीजेपी ने कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों के बूथ प्रबंधन के लिए रणनीति बनाई है.
भारत में 2019 में लोकसभा चुनाव होगें और उससे पहले कर्नाटक में विधानसभा को लोकसभा के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. जिसके कारण राज्य में जीत दर्ज कर के सत्ता जमाने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दी है. बीएस येदियुरप्पा को सीएम कैनडीडेट के चेहरे को आगे करके बीजेपी सत्ता में वापसी करना चाहती है. पार्टी ने कर्नाटक के सियासी मैदान पर बाजी मारने की रणनीति बनाई है.
बीजेपी ने कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों के बूथ प्रबंधन के लिए रणनीति बनाई है. पार्टी ने हर एक विधानसभा क्षेत्र को चार हिस्सों में बांटकर इसके लिए अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किए हैं. ये जिम्मेदारी ऐसे नेताओं को सौंपी गई है, जिन्हें जमीनी राजनीति की बेहतर समझ है.
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच बहुत ही जबरदस्त मुकाबला है. कर्नाटक में दोनों ही पार्टियों काफी मजबुत तरिके से काम कर रही है और पार्टियों के बीच बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. एसे में दोनों पार्टिया कोई कमी नहीं छोडना चाहती.
गौरतलब है कि 2013 के विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल 224 सीटों में से कांग्रेस ने 122 जीती थी. जबकि बीजेपी 40 और जेडीएस 40 सीटों पर कब्जा किया था. बीजेपी से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले बीएस येदियुरप्पा की केजेपी महज 6 सीटें जीत सकी थी. इसके अलावा अन्य को 16 सीटें मिली थी. हालांकि बाद में येदियुरप्पा दोबारा से बीजेपी के साथ आ गए.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2008 के मुताबिक 2013 में बीजेपी को 70 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था. जबकि राज्य की सभी पार्टियों को फायदा मिला था. सबसे ज़्यादा लाभ कांग्रेस को 42 सीटों का, जेडीएस को 12 और अन्य उम्मीदवारों को 10 सीटों पर लाभ हासिल हुआ था.