माओवादी प्रवक्ता जगन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उनके काडर और कुछ गांव वालों की हत्या करने के पहले उन्हें जहर दिया गया था.
पिछले दिनों पुलिस ने महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में 34 नक्सलियों को मार गिराया था. जिसके बाद अब उनकी मौत पर कई तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं. माओवादी तेलंगाना स्टेट कमिटी के प्रवक्ता जगन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उनके काडर और कुछ गांव वालों की हत्या करने के पहले उन्हें जहर दिया गया था.
इतना ही नहीं जगन ने एक लैटर जारी करते हुए कहा कि मारे गए लोगों में से 8 लोग वो थे जिनका कोई दोष नहीं था. लैटर के मुताबीक वे में एक शादी समारोह में शामिल होने गए थे. जहां उन्हें खाने में पहले जहर दिया गया और फिर एनकाउंटर में मार दिया. जगन ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने गांव वालों को मारकर नदी में फेंक दिया और झूठी कहानी बनाई.
अपने लैटर में जगन ने एनकाउंटर के खिलाफ राज्य व्यापी बांध का 4 मई को ऐलान किया है. उधर, जगन के आरोप लगने के बाद गढ़चिरोली पुलिस ने पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों से केमिकल विश्लेषण के लिए विसरा सुरक्षित रखने के लिए कहा है.
साथ ही जगन ने लैटर में यह भी कहा है कि पुलिस ने माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई पीएम नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे के बाद तेज कर दी. उसने लिखा ना केवल गढ़चिरोली पुलिस, बल्कि आंध्र प्रदेश की ग्रे हाउंड फोर्स भी माओवादी के नाम पर निर्दोष लोगों की हत्या कर रही है.
बता दें, जगन के अलावा गटेपल्ली गांव के लोगों ने भी एनकाउंटर पर कई आरोप लगाए हैं. गटेपल्ली गांव के लोगों का कहना है कि करीब 8 लोग गांव से कसनासुर में शादी में शामिल होने आए थे. जो की कई दिनों से लापता हैं. गांव के लोगों को लग रहा है कि उन्हें भी एनकाउंटर में मार दिया गया है. इनमें से एक लाश की पहचान सरकारी अस्पताल के शवगृह में की गई थी.