इस आत्मघाती हमले में दो सुरक्षा अधिकारी घायल हुए और कागजी की मौत हो गई.
मुंबई के ताज होटल में हुए आतंकी हमले के लिए जिस भारतीय शख्स ने अजमल कसाब समेत 10 हमलावरों को हिंदी सिखाई थी, उसी आतंकी ने दो साल पहले सऊदी अरब के तटीय शहर जेद्दा में अमेरिकी कांसुलेट के बाहर आत्मघाती हमला किया. उसका डीएनए मैच होने से ये साफ हो गया है कि महाराष्ट्र के बीड का रहने वाला फयाज कागजी था. इस आत्मघाती हमले में दो सुरक्षा अधिकारी घायल हुए और कागजी की मौत हो गई. ये हमला 4 जुलाई 2016 में सऊदी अरब के इस शहर में अमेरिकी कांसुलेट के बाहर हुआ था. उस दिन ऐसे ही तीन बम विस्फोट हुए थे. इसके अलावा दो अन्य बम विस्फोटों में से एक कातिफ की शिया मस्जिद के निकट और दूसरा मदीना में मस्जिद-ए-नबवी के बाहर हुआ था.
रिपोर्ट के मुताबिक फयाज कागजी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी कहा गया है कि एनआईए ने आतंकी मामलों से जुड़े केसों की सुनवाई कर रही दिल्ली की स्पेशल कोर्ट को भी सूचित किया है कि फयाज कागजी की मौत हो चुकी है. जांच एजेंसियों का मानना है कि पुणे में जर्मन बेकरी विस्फोट(2010) और जेएम रोड(2012) विस्फोट का मास्टरमाइंड और फाइनेंसर फयाज कागजी ही था.
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि औरंगाबाद में 2006 में अवैध हथियारों के बरामद बड़े जखीरे में भी वह वांछित था. इस मामले में 26/11 आतंकी हमले में कथित रूप से हैंडलर जैबुद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल के खिलाफ भी मामला चल रहा है. कागजी का नाम इंटरपोल के साथ सीबीआई की वांटेड लिस्ट में भी शामिल है.
मुंबई के 26/11 हमले में 166 लोग मारे गए थे. इस मामले में कागजी पर आरोप नहीं रहा, लेकिन जांच एजेंसियों का मानना है कि उसने इस घटना को अंजाम देने वाले 10 आतंकियों को हिंदी बोलना सिखाया. इन 10 में से नौ आतंकियों को हमले के दौरान ही मार गिराया गया और आतंकी अजमल कसाब को पकड़कर फांसी दे दी गई.
सऊदी अरब ने जेद्दा में हुए विस्फोट के बाद हमलावर की तस्वीर जब जारी की तो उसकी शक्ल कागजी से मिलने के कारण महाराष्ट्र एटीएस और एनआईए से इसकी पुष्टि के लिए संपर्क किया गया. उसी कड़ी में पिछले साल अगस्त में कागजी का डीएनए सैंपल सऊदी अरब भेजा गया. सऊदी अरब ने डीएनए मिलने के बाद ये साफ किया की कि वह आत्मघाती हमलवार कागजी ही था. जांच एजेंसियों का कहना है कि फयाज कागजी 2006 में जुंदाल के साथ बांग्लादेश होते हुए पाकिस्तान भाग गया था.