एक तरफ जहां विश्व भर मे योग का प्रचार हो रहा है पूरा विश्व योग का महत्व समझ रहा है वही दूसरी तरफ भारत देश जो योग ज्ञान में विश्व गुरु है, उसी भारत देश के वासी हो कर भी हम इस बहुमूल्य ज्ञान का अनुसरण नही कर रहे। ऐसा ही रहा तो वो दिन दूर नहीं जब वो हमें हमारा ही ज्ञान बेच रहे होंगे। इस ज्ञान के अनेको रूप आज बना दिये गए है और असल ज्ञान कही लुप्त हो गया है, योग के नाम पर कही “न्यूड योगा”,”पावर योगा” और न जाने कितने ही तरह से योग का अपमान हो रहा है, इन सब तथ्यो को ध्यान मे रखते हुए, हंसः योग
आश्रम को स्वामी सुभद्रानंद जी द्वारा योग -आध्यात्म के सही शास्त्रोक्त ज्ञान को समाज मे प्रसारित करने के लिए स्थापित किया गया है।विश्व मे योग के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार भी अब योग की शिक्षा को बढ़ावा दे रही है योग शिक्षको को महत्व दे रही है।
इसी कारण “हंसः योग आश्रम” में सरकार द्वारा दि जा रही योग पाठ्यक्रम शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी योग-आध्यत्म का शिक्षण -प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इन कोर्से का अध्ययन कर युवक योग टीचर बन सकते है और अच्छी सम्मान पूर्ण सरकारी नौकरी पा सकते है। और अपने परिवार और समाज को स्वास्थ की एक नई दिशा दे सकते है।
आश्रम की अन्य शाखाएँ भी देश भर में खोली जा रही है ताकि योग का सही ज्ञान जन-जन तक पहुच सके। जैसे: हिमाचल,उत्तराखंड,दिल्ली आदि।