नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि कश्मीरी युवक को जानने की जरूरत है कि उन्हें आज़ादी नहीं मिलेगी और आप सेना से नहीं लड़ सकते. एक अखबार को दिए इंटरव्यू में सेना प्रमुख ने कहा कि आज़ादी सिर्फ एक कहावत के जैसी है और कश्मीर के लोगों को ये जान लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुठभेड़ में आतंकवादियों को ढेर करना सेना को अच्छा नहीं लगता, लेकिन आतंकी लड़ाई करेंगे तो हम पूरी मजबूती से उनका जवाब देंगे.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो युवा कश्मीर में आजादी का ख्वाब देख रहे हैं, उनका सपना कभी पूरा नहीं होगा क्योंकि वे सेना से नहीं लड़ सकते. उन्होंने कहा, ”ये जिन युवाओं ने हमारे खिलाफ बंदूक उठाई है, वास्तव में वे हमारे लिए चुनौती ही नहीं हैं. आतंकी भी हमारे लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं हैं. हम आम लोगों से कहते हैं कि हमारे ऑपरेशन में बाधा मत डालिए, हम पर पत्थर मत फेंकिए.” उन्होंने कहा, ”हमने हाल में एक जगह एक ऑपरेशन को इसलिए अधूरा छोड़ दिया ताकि हालात ज्यादा नहीं बिगड़ें लेकिन जब हम वहां से हटे तो जवानों पर दूसरी जगह दूसरे घर से हमला हो गया. इसमें एक जेसीओ घायल भी हो गया और वह अभी भी अस्पताल में है.जनरल रावत ने कहा कि हाल में उन्होंने शांति बहाली की कोशिशों के तहत लोगों से आगे आने की अपील की लेकिन 15 अप्रैल को जब यह घोषणा की गई तो उसी दिन शाम को हमारे जवानों पर हमला हो गया. लोगों को वास्तव में घाटी में शांति के लिए आगे आना चाहिए तो हम भी आगे बढ़ सकें.
आपको बता दें कि इससे पहले श्रीनगर में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक की, जिसमें रमज़ान के दौरान आतंकवादियों के साथ संघर्ष विराम की केंद्र से सिफ़ारिश की गई. हालांकि सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर की इस मांग पर अमल के लिए तैयार नहीं होगी. सरकार को लगता है कि ऐसा करना सरकार की कमज़ोरी समझी जाएगी.