जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों से निपटने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने एक बार फिर नया तरीका अपनाया है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस के जवानों ने कुछ पत्थरबाजों को अपनी गाड़ी के सामने बैठाया हुआ है. इसकी वजह से सामने खड़े हुए पत्थरबाज पुलिस पर हमला नहीं कर पा रहे हैं.बताया जा रहा है कि ये वीडियो जम्मू-कश्मीर के अवंतिपुरा का है. हालांकि, क्या ये वीडियो सही है अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है. वीडियो में जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ सीआरपीएफ के जवान भी दिख रहे हैं.
आपको बता दें कि इससे पहले भी पिछले साल बडगाम उपचुनाव के समय सेना के मेजर गोगोई ने एक स्थानीय नागरिक फारूक अहमद डार को आर्मी की जीप के बोनट पर बांधकर बडगाम के दर्जनों गांवों में घुमाया था.
मेजर द्वारा डार को इस तरह मानव ढाल बनाए जाने को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर उनकी खूब आलोचना हुई, लेकिन आर्मी ने उनका समर्थन किया और मेडल से नवाजा.
आपको बता दें कि रमजान में सेना की ओर से राज्य में सीज़फायर लागू किया गया था, इस दौरान किसी भी सैन्य ऑपरेशन पर रोक लागू थी. हालांकि, इसके बावजूद कई आतंकी हमले हुए और कई बार पत्थरबाजी की घटनाएं भी सामने आईं.अब सेना को एक बार फिर राज्य में ऑपरेशन ऑलआउट चलाने की छूट मिली है. साफ है कि सेना का कड़ा रुख फिर से शुरू होने से पहले पत्थरबाजों को हौसले पस्त हैं.
वीडियो के मुताबिक सेना ने चार युवकों को अपने पास बिठा रखा है, उनसे कुछ दूर कुछ लोग वीडियो बना रहे हैं. दरअसल पम्पोर में सर्च ऑपरेशन के दौरान कुछ लोग सेना की गाड़ी पर पत्थर बरसाने लगे. इसी दौरान सेना ने चार स्थानीय युवकों को पकड़ कर मानव ढाल बना लिया. वीडियो में पत्थरबाज बार-बार अपने साथी पत्थरबाजों को बचाने के लिए सैनिकों को ललकारते दिखे रहे हैं. हालांकि इस बात की जांच चल रही है कि जिन चार युवकों को जवानों ने ढाल बनाया था, वह पत्थरबाज थे या नहीं.