श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में पीडीपी बीजेपी गठबंधन टूटने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने श्रीनगर में राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात की. इसके बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में सरकार बनाने के लिए हमारी पार्टी किसी के साथ नहीं जाएगी. उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि यहां राष्ट्रपति शासन ही लगे. उमर अबदुल्ला ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमारे पास न तो 2014 जनादेश था और न ही 2018 में है. हम किसी के साथ गठबंधन नहीं करने जा रहे हैं. मैंने राज्यपाल से मुलाकात की और कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन ही लगे.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ मिलकर सरकार में शामिल बीजेपी ने गठबंधन तोड़ दिया है. सीजफायर सहित कई मुद्दों पर दोनों ही पार्टियों में काफी दिनों से टकराव चल रहा था. आज ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महबूबा मुफ्ती सरकार में शामिल बीजेपी कोटे के सभी मंत्रियों और राज्य के सभी बड़े नेताओं को दिल्ली में आपात बैठक के लिये बुलाया था. इसके बाद बीजेपी ने समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया. बीजेपी की ओर से समर्थन वापसी की चिट्ठी जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल को सौंप दिया गया है. वहीं महबूबा मुफ्ती ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. मिल रही है जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने पीडीपी को इस बात की भनक तक लगने नहीं दी और सरकार से समर्थन वापस ले लिया. माना जा रहा है कि रमजान के बाद सीजफायर का फैसला वापस लेने के बाद से पीडीपी और बीजेपी के बीच गहरे मतभेद थे.
बता दें कि जम्मू एवं कश्मीर की 87-सदस्यीय विधानसभा के लिए वर्ष 2014 में 25 नवंबर और 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में चुनाव करवाए गए थे, जिनमें तत्कालीन सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस की हार हुई, और कांग्रेस के साथ गठबंधन में सरकार चला रही पार्टी को सिर्फ 15 सीटों से संतोष करना पड़ा. दूसरी ओर, वर्ष 2008 में सिर्फ 11 सीटों पर जीती BJP ने इस बार ‘मोदी लहर’ में 25 सीटें जीतीं, और 52 दिन के गवर्नर शासन के बाद पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की PDP को समर्थन देकर सरकार बनवा दी.
उमर अब्दुल्ला ने कहा सरकार बनाने के लिए हम ना तो किसी दल से समर्थन लेंगे और ना ही देंगे
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