नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद सेना ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑलआउट तेज कर दी है. सुरक्षाबलों ने 22 आतंकियों की हिटलिस्ट तैयार की है. जिसमें से कल ही एक आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था. अब सुरक्षाबलों की लिस्ट में 21 आतंकी बचे हैं. सेना ने शुक्रवार को आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के प्रमुख दाऊद अहमद सलाफी उर्फ बुरहान और उसके तीन सहयोगी को मार गिराए थे.
सुरक्षाबलों की हिटलिस्ट में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के 11, लश्कर ए तैयबा के सात और जैश-ए-मोहम्मद के दो, आईएस की भारतीय शाखा अंसार गजवातुल हिंद के एक आतंकी शामिल हैं.
हिज्बुल आतंकियों में अनंतनाग का रहने वाला मोहम्मद अशरफ खान (A+ कैटगरी), कुलगाम का अल्ताफ अहमद डार (A++), मोहम्मद अब्बाश शेख (A+) और उमर मजीद (A++), पुलवामा का सैफुल्ला मीर (A), शोपियां का जिनत उल इस्लाम (A++), अवंतिपुरा के रियाज अहमद नायकू (A++) और लतीफ अहमद डार (A), कुपवाड़ा का मनान वानी (B) और जुनैद अशरफ (B) शामिल है.लश्कर आतंकियों में पाकिस्तानी आतंकी अबु मुस्लिम (A+), अबु ज़र्गम (A+), अनंतनाग का आजाद अहमद मलिक ऊर्फ दादा, कुलगाम का शकूर अहमद डार (A), पुलवामा का मोहम्मद नवीद (A+) और रियाज अहमद डार (A), शोपियां का मुश्ताक अहमद मीर (A++) शामिल है.सुरक्षाबलों की हिटलिस्ट में जैश-ए-मोहम्मद का दो आतंकी शामिल है. जिसमें से पुलवामा का जाहिद अहमद वानी और अवंतिपुरा का मुदासिर अहमद खान शामिल है.इस्लामिक स्टेट (आईएस) की भारतीय शाखा अंसार गजवातुल हिंद का कश्मीर कमांडर जाकिर राशिद भट उर्फ जाकिर मूसा (A++) भी सुरक्षाबलों की हिट लिस्ट में है. मूसा अवंतिपुरा का रहने वाला है. इस्लामिक स्टेट ने 2017 में अपनी वेबसाइट पर कहा था कि अंसार गजवातुल हिंद का नेतृत्व कश्मीरी आतंकवादियों का कमांडर जाकिर मूसा कर रहा है.
खबर है कि अब कश्मीर में टॉप आतंकियों के मारे जाने के बाद शव को परिजनों को नहीं सौंपा जाएगा. यानि सुरक्षाबल ढेर किए गए आतंकियों को अंजान जगह पर दफन कर देंगे. इस फैसले को इसलिए अमल में लाया जा रहा है क्योंकि आतंकियों के समर्थक घाटी में उपद्रव करते रहे हैं. सुपुर्द ए खाक के मौके पर भारी संख्या में लोग और कुछ आतंकी शामिल होते हैं. जनाजे पर हथियार लहराना तो आम है. जिससे स्थिति खराब होती है.
बता दें कि सालाना अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू होने वाली है. ऐसे में घाटी में बड़े स्तर पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है और आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज कर दिया गया है. राज्यपाल शासन होने की वजह से सेना को पूरी तरह से छूट दी गई है.