अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग की मुलाकात के बाद भी दोनों देशों के बीच हालात सामान्य नजर नहीं आ रहे हैं. ट्रंप अभी भी किम जोंग पर ऐतबार नहीं कर पा रहे हैं, शायद यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के खिलाफ राष्ट्रीय आपात (नेशनल इमरजेंसी) की अवधि एक साल के लिए और बढ़ा दी है.डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उत्तर कोरिया अब भी अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और अर्थव्यवस्था के लिए ‘असामान्य और असाधारण’ खतरा पेश करता है.
ट्रंप की यह टिप्पणी तब आई है जब एक पखवाड़े से भी कम समय पहले उन्होंने सिंगापुर में किम जोंग उन के साथ ऐतिहासिक शिखर वार्ता की जिसमें उत्तर कोरियाई नेता परमाणु निरस्त्रीरकण के लिए राजी हुए.ट्रंप ने कहा कि जब तक परमाणु निरस्त्रीकरण पूरा नहीं होता तब तक वह अधिकतम दबाव बनाने का अभियान जारी रखेंगे और उत्तर कोरिया के खिलाफ कोई भी प्रतिबंध नहीं हटाएंगे.हालांकि, शिखर वार्ता से लौटने बाद ट्रंप ने वार्ता सफल रहने का दावा करते हुए ट्वीट किया था, ‘उत्तर कोरिया से परमाणु संबंधी अब कोई खतरा नहीं है. आज रात आराम से सोए.’
अब शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया कि क्यों प्रशासन उत्तर कोरिया पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लागू रखेगा. बता दें कि यह प्रतिबंध सबसे पहले पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने लगाए थे.
ट्रंप ने कहा, ‘कोरियाई प्रायद्वीप में हथियारों का प्रसार-प्रयोग, विस्फोटक सामग्री के मौजूद होने तथा उसके खतरे और उत्तर कोरियाई सरकार की नीति के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर अब भी असामान्य एवं असाधारण खतरा बना हुआ है.’ उन्होंने कहा कि मैं उत्तर कोरिया के संबंध में एक वर्ष तक प्रतिबंध जारी रख रहा हूं.
गौरतलब है कि गैरकानूनी प्रवास को रोकने के मद्देनजर की गई कार्रवाई की वजह से अमेरिका में करीब दो बजार बच्चे अपने अभिभावक से बिछड़ गए थे.इन बच्चों को एक जगह रखा गया है जहां से बच्चों के रोने और अपनों याद करने की तस्वीरे इंटरनेट पर वायरल हो रही थी. बच्चों की इस स्थिति का पूरे विश्व ने विरोध किया था. इसी दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर विपक्ष ने भी दबाव बनाना शुरू किया था. विपक्ष द्वारा इस मसले को हल करने की बात करने बाद राष्ट्रपति ने इस पूरे मामले को अपने स्तर से हर करने का भरोसा दिया था. बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि हम किसी भी परिवार को अलग करना नहीं चाहते और न ही मुझे यह अच्छा लगता है.