नई दिल्लीः 26 जून को वैश्विक विशेषज्ञों द्वारा किये गए सर्वे में भारत को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बताया गया है. हाल ही में थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन द्वारा हुए सर्वे में महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और उन्हें सेक्स वर्कर के धंधे में जबरन धकेलने के कारण भारत को सबसे असुरक्षित देश माना गया है. वहीं इस सर्वे में अफगानिस्तान, सीरिया और अमेरिका को दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर रखा गया है. थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन के एक सर्वे के मुताबिक भारत में महिलाओं के प्रति अत्याचार और उन्हें जबरन वैश्यावृत्ति में धकेलने के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं. सर्वे में पश्चिम देशों में केवल अमेरिका का ही नाम है. सर्वे के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में अमेरिका में महिलाओं के प्रति हिंसा की गतिविधियां बढ़ी हैं.
वहीं इससे पहले 2011 में हुए सर्वे में अफगानिस्तान,डैमोक्रेटिक ऑफ कॉन्गो, पाकिस्तान, भारत और सोमालिया महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बताए गए थे. 2011 में हुए सर्वे में भारत को चौथे स्थान में रखा गया था. लेकिन, इस साल सारे देशों को पीछे छोड़ भारत को महिलाओं की असुरक्षा की दृष्टि से पहला स्थान दिया गया है. जिससे साफ पता चलता है कि भारत महिलाओं के लिए दिनों दिन कितना खतरनाक होता जा रहा है.भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2007 से 2016 के बीच महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में 83% की वृद्धी हुई है और हर घंटे चार महिलाओं के साथे रेप होता है. सर्वे में शामिल लोगों से यूएन के 193 सदस्य देशों में कौना सा देश महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित है, कहां उनके लिए हेल्थ से जुड़ी सुविधाएं सबसे ख़राब हैं, कहां उनके लिए आर्थिक हालात सबसे ख़राब हैं, कहां उनके खिलाफ सांस्कृतिक भेदभाव होता है, कहां यौन हिंसा सबसे ज़्यादा है और कहां बिना सहमति के सबसे ज़्यादा सेक्स होता है जैसे सवाल पूछे गए थे. सर्वे में विशेषज्ञों से पूछा गया था कि सयुंक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से ऐसे कौन से पाच सदस्य राष्ट्र हैं जो महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं. जिसके जबाव में भारत, अफगानिस्तान, सीरिया-अमेरिका, सोमालिया और सऊदी अरब को रखा गया.
जवाब देने वालों ने भारत को मानव तस्करी, सेक्स गुलामी, घरेलू हिंसा, भ्रूण हत्या, जबरदस्ती शादी, घरों में काम काज करने वाली महिलाओं के लिहाज़ से भी सबसे ख़राब देश बताया है. महिला बाल विकास मंत्रालय ने इस सर्वे के नतीज़ों पर किसी तरह का बयान देने से साफ इंकार कर दिया है.