जयहिंद जयभारत राष्ट्र प्रथम वन्देमातरम् के नारों से गूंजा एशियन एकेडमी-मारवाह स्टूडियो
नोएडा/ एशियन एकेडमी और मारवाह स्टूडियो के संस्थापक मीडिया गुरु संदीप मारवाह से 11जुलाई को सौहार्द पूर्ण मुलाकात हुई। आरजेएस संयोजक उदय कुमार मन्ना और RJS मीडिया स्टार डेली डायरी न्यूज़ के संवाददाता प्रखर वार्ष्णेय ने टीम आरजेएस की तरफ से श्री मारवाह को विशेष पगड़ी पहनाकर राष्ट्रीय ध्वज सम्मान प्रदान किया ।
विदित हो कि 30 मई 2018 को आरजेएस हिंदी पत्रकारिता दिवस पर आरजेएस मीडिया उत्सव-2 व नि:शुल्क मीडिया तकनीकी कार्यशाला-5 का आयोजन एशियन एकेडमी-मारवाह स्टूडियो के सौजन्य से नोएडा में किया गया था। राम-जानकी संस्थान(आरजेएस) नई दिल्ली व टीजेएपीएस केबीएसके, हुगली,प.बंगाल द्वारा पिछले एक साल से चलाए जा रहे *सकारात्मक पत्रकारिता सकारात्मक भारत* अभियान को और तेजी से आगे बढ़ाने के लिए श्री संदीप मारवाह ने
अपना पूरा समर्थन दिया और कार्यक्रम सफल रहा ।श्री मारवाह की दिली इच्छा थी कार्यक्रम में शामिल होना और चार राज्यों से आए मीडिया कर्मियों से बातचीत करना, लेकिन कोशिशों के बावजूद वे उस दिन किसी कारणवश विदेश में होने की वजह से शामिल नहीं हो सके।
रविवार 12 अगस्त 2018को नई दिल्ली में होनेवाले आरजेएस जयहिंदजयभारत-2 व नि: शुल्क मीडिया तकनीकी कार्यशाला-6 के मीडियाकर्मियों से मिलाने और बातचीत कराने के लिए
जब श्री उदय मन्ना ने कार्यशाला के मुख्य अतिथि का प्रस्ताव रखा तो उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया।
बातचीत के क्रम में टीम आरजेएस ने मीडिया गुरु से जिज्ञासा वश जानना चाहा कि आप बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। आप फिल्मसिटी और मारवाह स्टूडियो संस्थापक भी रहे हैं । ये चैनलों का जन्मस्थान है12जनवरी को इंटरनेशनल डे आॅफ जर्नलिज्म की स्थापना की आपने ।आप फिल्म प्रोड्यूसर भी हैं। आप रंगकर्मी रहें हैं और नादिरा बब्बर समेत कई जानी मानी हस्तियों के साथ नाटक किए हैं आपने। आपने विधिवत गायन की शिक्षा ली है। आप कई वाद्य यंत्र बजाना जानते हैं। कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों के सदस्य हैं। इतनी चीजों को साधते कैसे हैं?
उन्होंने बड़ा लाजवाब जवाब दिया।
जवाब-देखिए, सच कहूं तो काम करने में मज़ा आता है मुझे। मैंने अपने पिता से दो बातें सीखीं। एक वक्त का प्रबंधन यानी टाइम मैनेजमेंट। और दूसरा मल्टीटास्किंग। लोग दिन में दो चिट्ठियां लिखते हैं और थक जाते हैं। लेकिन मैं एक साथ कई कामों को कर पाता हूं। इसे आप मेरी विशेष योग्यता कह सकते हैं। मल्टीटास्किंग आर्ट है। वैसे, आपने जिन रुचियों या कामों का जिक्र किया तो मैं बता दूं कि मैं फोर्स में भी रहा आठ साल तक। बटालियन कमांडर नियुक्त हुआ था, डिस्ट्रिक कमांटर तक पहुंचा जो फुल कर्नल रैंक है। आठ परेड कमांड किए उस दौरान। 26 जनवरी को राष्ट्रपति के सामने हाथ में तलवार दिए सलामी देना मेरा एक सपना था। मैंने वो सपना पूरा किया और फिर वो जॉब छोड़ दी। आज मैं पाँच शैक्षिक संस्थाओं का डायरेक्टर हूं। तीन दूसरी संस्थाओं का प्रमुख हूं। बाकी फिल्मों का प्रोडक्शन, मीडिया का काम , कम्यूनिटी रेडियो चलाना ,कार्यक्रमों में शिरकत वगैरह तो होता ही है। चुंकि मैं हर परिस्थिति में सकारात्मक सोच के साथ जीता हूं इसलिए तमाम कामों को निपटाने के बाद रात को गहरी नींद भी मेरी आदतों में शुमार है। वन्देमातरम् -जयहिंद।