नई दिल्ली: महाराष्ट्र और केंद्र में सहयोगी बीजेपी और शिवसेना की तल्खी थमने की बजाय बढ़ती जा रही है. शिवसेना के मुखपत्र सामना में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का इंटरव्यू छपा है. है. इंटरव्यू में उद्धव ने बीजेपी और मोदी को निशाने पर रखा है. उद्धव ने कहा कि मैं मोदी के सपनों के लिए नहीं आम जनता के सपनों के लिए लड़ रहा हूं. एक और सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम किसी एक के मित्र नहीं बल्कि भारतीय जनता के मित्र हैं. बातचीत में उद्धव ने इशारों-इशारों में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि शिकार तो मैं ही करूंगा, लेकिन इसके लिए मुझे ना तो किसी दूसरे के कंधे की ज़रूरत होगी और ना ही बंदूक की.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, ”सरकार को मतदान करना होता तो इतने दिनों तक हम सरकार के निर्णय पर हमला क्यों बोलते? आज जो सब लोग मिलकर बोल रहे हैं, वह भूमिका शिवसेना ने पहले ही रखी थी. फिर चाहे वह नोटबंदी की हो, जीएसटी की हो, भूसंपादन कानून की हो, कोई भी विषय ले लो, आज सभी लोग एक होकर बोल रहे हैं. लेकिन उस समय इसके खिलाफ बोलने का साहस सिर्फ शिवसेना ने ही दिखाया.
आपको बता दें कि शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग से शिवसेना दूर रही थी. शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र में सरकार की सहयोगी है. शिवसेना के इस रुख से बीजेपी नाराज है. यही वजह है की कल मुंबई पहुंचे अमित शाह ने बीजेपी नेताओं से कहा कि वह गठबंधन के भरोसे नहीं रहें. 2019 लोकसभा में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयारी करें.
जब उनसे पूछा गया कि यह प्रस्ताव आपके मित्रदल (बीजपी) के खिलाफ है. तो उद्धव ने कहा, ‘होगा’. उद्धव ने शिवसेना किसी की दोस्त है क्या? के सवाल पर कहा कि किसी एक पार्टी की मित्र नहीं…कभी नहीं…इसीलिए समय-समय पर कोई बात मुझे पसंद न आए या योग्य न लगे तो उस समय मैं बोलता हूं. उसी सबका नतीजा देखिए. पिछले चार वर्षों में शिवसेना ने जो भूमिकाएं रखीं वही अब लागू करनी पड़ रही हैं. हमने सरकार की किसी भूमिका या नीति का विरोध किया तो वह देश के, जनता के हित के लिए ही किया.
अगले साल लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ सकती है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में इसके लिए तैयार रहने को कहा. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता 2019 में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी करें. दरअसल अविश्वास प्रस्ताव पर शिवसेना ने मोदी सरकार का साथ नहीं दिया था और मतदान के दौरान ग़ैर हाज़िर रही थी जिसके बाद बीजेपी में अपने इस सहयोगी को लेकर काफ़ी नाराज़गी है. शिवसेना के सांसद अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान भी सदन से ग़ैर हाज़िर रहे. बीजेपी जल्द ही राज्य में सभी 48 लोकसभा सीटों के लिए प्रभारियों का एलान कर सकती है. उधर, शिवसेना पहले ही कह चुकी है वो लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी.