देवरिया: बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका गृह की लड़कियों के यौन शोषण का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि उत्तर प्रदेश के देवरिया में भी ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है. कई वर्षों से स्थगन आदेश के बाद चला रही मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान द्वारा दत्तक ग्रहण एवं बाल गृह का एक ऐसा घिनौना सच सामने आया जिसको सुनने के बाद आप शर्मसार हो जाएंगे।
संस्था की रहने वाली एक मासूम अंजलि ने हिम्मत भरी और संस्था से भाग कर इन सारी बातों का खुलासा किया तब पुलिस अधीक्षक देवरिया रोहन पि कनय के पैर तले जमीन खिसक गई उनकी आंखें फटी की फटी रह गई बच्ची का दर्द देख तत्काल टीम गठित कर छापेमारी हुई, जिस में अवैध तरीके से रह रहे 24 बच्चों को रेस्क्यू कर छुड़ाया गया।रेस्क्यू किये गये बच्चे काफी बुरी हालत में थे पुराने फाटे कपड़ों के साथ देख कलेजा फट सा गया ।
यहां के निजी बालिका गृह में रह रही लड़कियों ने भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं. एक लड़की की शिकायत पर पुलिस ने रविवार रात छापा मारकर बालिका गृह से 24 बच्चियों और लड़कियों को छुड़ाया है. जबकि बालिका गृह से 18 लड़कियां अभी भी गायब हैं. मामले में पुलिस ने बालिका गृह के संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, उनके पति मोहन तिवारी और बेटी को गिरफ्तार किया है.
बता दें कि मां विंध्यवासिनी नाम का बालिका गृह कई साल से शहर के रेलवे स्टेशन रोड से चल रहा था. इसकी एक शाखा शहर के रजला गांव में भी चल रही थी. इस संस्था की मान्यता एक साल पहले 2017 में स्थगित हो चुकी थी. उस समय सीबीआई ने इसकी जांच की थी. लेकिन गिरजा त्रिपाठी अपने ऊंची रसूख के चलते अवैध तरीके से लड़कियों को रख रही थी. इसके बावजूद कोई अधिकारी इन पर हाथ डालने से कतराता था. रविवार को जब एक लड़की संस्था से भागकर पुलिस के पास पहुंची तो एसपी रोहन पी कनय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मामला का खुलासा किया.
महिला थाने पहुंची लड़की ने जो आपबीती सुनाई है वह बिलकुल मुजफ्फरपुर कांड से मिलती जुलती है. लड़की ने कहा कि संस्था में एक दीदी हैं. उन्हें बड़ी मैम रात को कहीं भेजती थीं. कभी लाल गाड़ी तो कभी काली गाड़ी आती थी उनको ले जाने और जब दीदी सुबह में आती तो सिर्फ रोती थीं. कुछ भी पूछने पर बताती नहीं थी. हम लोगों से झाड़ू पोछा करवाया जाता था. वहीं इस मामले पर डीपीओ देवरिया का कहना है कि मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं सामाजिक सेवा संस्थान के खिलाफ अनिमियता पाई गई थी. उसके आधार पर इनकी मान्यता स्थगित कर दी गई थी. शासन से एक आदेश हुआ था कि सभी बच्चों को यहां से ट्रांसफर किया जाये, लेकिन बच्चों को जबरदस्ती अवैध तरीके से यहां रखा गया.
इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि पिछले साल सीबीआई के इंस्पेक्शन के बाद यह पाया गया था कि देवरिया का शेल्टर होम अवैध तरीके से चल रहा है. लड़कियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने और इसे बंद करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इसका पालन नहीं हुआ. शेल्टर होम में कई अवैध गतिविधियां चल रही थीं. 1 अगस्त को एफआईआर दर्ज करवाई गई है. शेल्टर होम में पंजीकृत बच्चियों का सही रिकॉर्ड भी नहीं है. मामले की जांच चल रही है.