उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पौराणिक खलनायकों की ओर इशारा करते हुए इलाहाबाद शहर को प्रयागराज के नाम से बदलने का बचाव किया. इलाहाबाद शहर के नाम को प्रयागराज करने पर सख्त प्रतिक्रियाओं और उठ रहे सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सवाल उठाया कि क्यों प्रदर्शनकारियों का नाम “रावण” या “दुर्योधन” नहीं रखा गया?
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब मैंने इलाहाबाद का नाम बदला, कुछ लोगों ने इस पर सवाल खड़े कर दिए, कुछ ने यह भी कहा कि नाम में क्या रखा है. इसलिए मैंने कहा कि क्यों नहीं उनके माता-पिता ने उनका नाम रावण और दुर्योधन रखा. इस देश में नाम बहुत महत्व रखता है.
उन्होंने आगे कहा कि ‘भारत में ज्यादातर नाम ‘राम’ से संबंधित हैं और व्यापक रूप से अनुसूचित जातियों द्वारा उपयोग किया जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि राम नाम हमें हमारी गौरवपूर्ण परंपरा से जोड़ता है.’
दरअसल, जिन लोगों ने नाम परिवर्तन का समर्थन किया, उन्होंने कहना है कि प्रयाग, इलाहाबाद का मूल नाम था, जो उत्तर प्रदेश के सबसे पुराने शहरों में से एक है. इसे साल 1575 में मुगल सम्राट अकबर द्वारा “इलाहाबाद” या “भगवान का निवास” नाम दिया गया था.
पहले भी यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा था कि कांग्रेस नाम बदलने से परेशान है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वे अपने इतिहास, संस्कृति और परंपराओं से अवगत नहीं हैं और हम उनसे उम्मीद नहीं कर सकते हैं.