एकल अभियान को मजबूत करने के लिए भारत लोक शिक्षा परिषद् लगातार सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है I भारत लोक शिक्षा परिषद् के तत्वाधान में दक्षिणी दिल्ली चैप्टर के द्वारा सत्य साईं ऑडिटोरियम, लोधी रोड, नई दिल्ली में एकल अभियान को समर्पित एक शाम : “चक्रव्यूह” नितीश भारद्वाज द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया I
ग्रामीण एवं वनवासी बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित भाव से कार्य करने वाले समाज के दानवीर, प्रबुद्ध महानुभाव एवं शिक्षा प्रेमियों के सहयोग से आज भारत वर्ष के अधिकांश भागों में एकल विद्यालय संचालित हो रहे हैंI दानदाताओं के सकारात्मक सहयोग से शिक्षा ग्रहण करके ये बच्चे आने वाले समय में राष्ट्र और समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकेंगे I
इस कार्यक्रम में एकल विद्यालय के बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित भाव से सहयोग करने वाले समाज प्रतिष्ठित शतकवीर दानदाताओं जिन्होंने 100 विद्यालयों का दान दिया है को सम्मानित किया गया साथ कुछ अन्य गणमान्य महानुभावों को भी सम्मानित किया गया जो एकल विद्यालय के प्रति समर्पण का भाव रखते है I इस कार्यक्रम का उदेश्य समाज के उन जागरूक लोगों तक एक सन्देश पहुचाना है जो समाज के लिए कुछ करने का भाव रखते हैI
इस पुनीत कार्यक्रम में महाभारत टी.वी. सीरियल में भगवान श्री कृष्ण की भूमिका निभाने वाले प्रसिद्द कलाकार नितीश भारद्वाज द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम “चक्रव्यूह” प्रस्तुत किया गयाI जिसमें धर्म एव संस्कृति से जुड़े हुए बेहतरीन कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक किया गया I
एकल अभियान देश में अग्रणी सामाजिक संगठन के रूप में करोड़ो गरीब ग्रामवासियों के शैक्षणिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण हेतु समर्पित है I यह अभियान “एक गाँव, एक शिक्षक, एक विद्यालय” के सिद्धान्त पर संचालित हो रहा हैI 1988 में झारखण्ड में 60 विद्यालयों से शुरू हुआ ‘एकल अभियान’ आज 78,309 विद्यालयों तक पहुँच चुका हैI जिसमें समाज के कुल 21,29,634 बच्चे एकल के ज्ञान पुंज से प्रकाशित हो रहें हैंI एकल आने वाले समय में एक लाख विद्यालय के लक्ष्य को जल्द ही पूर्ण करने की दिशा में अग्रसर हैI
दीप प्रज्जवन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई I कार्यक्रम में सानिध्य श्री लक्ष्मी नारायण गोयल (संस्थापक न्यासी) का प्राप्त हुआI अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि एकल में इतनी क्षमता है कि भारत एक बार फिर से विश्व गुरु बन सकता है क्योंकि एकल ग्रामीण एवं वनवासी क्षेत्र के बच्चों के पंचमुखी शिक्षा के लिए कार्य करता है। वह दिन दूर नहीं जब भारतीय संस्कृति एक बार फिर पूरे विश्व का नेतृत्व करेंगी।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री हेमंत कुमार बत्रा (एम.डी. बत्रा ग्रुप) ने संबोधित करते हुए कहा कि एकल से मुझे बहुत लगाव है और एकल विद्यालय गरीब बच्चों के शिक्षा के लिए जो कार्य करता है, निश्चित रूप से राष्ट्र निर्माण में योगदान देगाI इस सामाजिक कार्य से जुड़कर मुझे स्वयं में आनंद का अनुभव प्राप्त होता हैI उन्होंने आजीवन एकल विद्यालय के सहयोग की घोषण भी कीI
भारत लोक शिक्षा परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नंदकिशोर अग्रवाल द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव दिया गया I उन्होंने कहा कि एकल विद्यालय वर्तमान समय में संस्कार सहित शिक्षा देने का कार्य कर रहा है और हम ग्रामीण एवं वनवासी परिवार के बच्चों के शिक्षा के लिए समर्पित भाव से सेवारत है I हमें गावों के विकास के लिए आगे आना होगा, ताकि वे आत्मनिर्भर हो सके और शहरों की तरफ पलायन को रोका जा सकेI
भारत लोक शिक्षा परिषद् के न्यासी मंडल से बिमल मावांडिया, श्री सुरेन्द्र जिंदल जी, श्री नरेश कुमार, श्री नरेश कुमार जैन जी उपस्थित रहेI राष्ट्रीय पदाधिकारी श्री घनश्याम दास गोयल,श्री राजीव अग्रवाल, डॉ वीरेंद्र कुमार, श्री अश्वनी कुमार एवं महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सोनल रसीवासिया सहित कई अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारियों की गारिमामयी उपस्थिति
रहीI
विशिष्ट अतिथि श्री कुमार सुनील गुलाटी (आई.ए.एस.) डॉ डी.एस. गंगवार (आई.ए.एस.), श्रीमती सौम्य गुप्ता (आई.ए.एस.), श्री योगराज अरोड़ा (सेलेक्ट सिटी वाक), श्री जगदीश खंडेलवाल (जगदीश स्टोर), श्री मूलचन्द अग्रवाल( मधुसूदन घी), श्री सुरेन्द्र गाँधी (दीवान एंड संस), श्री राहुल गर्ग (वाइट मेटल ग्रुप), श्री गोविन्द राम चौधरी (अनमोल इंडस्ट्री) सहित कई अन्य गणमान्य महानुभाव उपस्थित रहेI
कार्यक्रम की अध्यक्षता दक्षिण दिल्ली चैप्टर के प्रधान श्री जगमेंद्र गुप्ता द्वारा बड़ी ही कुशलता पूर्वक किया गयाI दक्षिण दिल्ली चैप्टर के श्री बासुदेव गर्ग (चेयरमैन), श्री पदम् चंद गुप्ता (वरिष्ठ उप-प्रधान), श्री अशोक अग्रवाल (महांमत्री), श्री अवधेश कुमार गर्ग , जी सहित चैप्टर कार्यकारणी के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे I
एकल विद्यालय स्वामी विवेकानंद के इस वाक्य को चरितार्थ करता है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर बच्चे विद्यालय नहीं जा सकते तो विद्यालयों को बच्चों तक पहुंचना होगा इसी आदर्श वाक्य पर एकल अभियान आज संपूर्ण भारत में कार्यरत है। और समाज के जागरूक लोगों के द्वारा एकल विद्यालय निरंतर तीव्र गति से अपने लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रहा हैI