भारत लोक शिक्षा परिषद् के द्वारा संचालित एकल विद्यालय की संरचना को और गहराई से समझने के लिए एवं उसकी सारगर्भिता को प्रत्यक्ष रूप से देखने के लिए भारत लोक शिक्षा परिषद् के केंद्रीय पदाधिकारी ऑफिस स्टाफ एवं चैप्टर के स्टाफ ने 29 दिसंबर 2018 को शामली अंचल के बिदौली संच के भंधेरी गॉंव एवं झिझाना संच के वनीपुर गॉंव की वनयात्रा की I
समर्पित भाव से सेवारत सभी महानुभावों ने दिल्ली से शामली तक की यात्रा तय करके विद्यालयों संचालन के व्यावहारिकता का अध्ययन करने के लिए पहुंचे I इस वनयात्रा में भारत लोक शिक्षा परिषद् के जनरल सेक्रेटरी श्री राजीव अग्रवाल जी, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री पीके गोयल जी, सीनियर मैनेजर श्री राजेंद्र मंगला जी सहित ऑफिस स्टाफ के कई अन्य लोग मौजूद रहे। इस वनयात्रा में समर्पित भाव से सेवारत शामली अंचल से सम्बंधित सभी कार्यकर्ताओं ने बड़े ही सहजता के साथ सभी का अभिनन्दन एवं स्वागत कियाI
एकल अभियान को ही जीवन का उद्देश्य मानने वाले एवं समर्पित भाव से सेवारत एकल विद्यालय के सह अभियान प्रमुख श्री दीप कुमार जी, ए.के.टी. श्री आशुतोष बाजपेयी जी, भाग प्रमुख श्री राजकुमार जी, संभाग प्रमुख श्री प्रह्लाद जी, भाग कार्यालय प्रमुख श्री विजय कुमार जी, अंचल प्रमुख श्री जितेन्द्र जी सहित कई अन्य लोग भी मौजूद रहे जिन्होंने एकल विद्यालय के वनयात्रा में अपना पूरा सहयोग दिया I वनयात्रा के दौरान शामली के अंचल समिति एवं ग्राम समिति के लोगों के साथ बैठक भी हुईI इसमें अंचल समिति के सदस्यों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और अपनी कार्य और एकल के प्रति अनुभव को भी खूब साझा किया।
एकल विद्यालय के बच्चों ने सरस्वती वंदन, प्रातःस्मरण, एकल गीत एवं संस्कृत के मन्त्रों का उच्चरण करके अपनी प्रतिभा से लोगों को स्तब्ध कर दिया I इतने कम संसाधनों में एकल विद्यालय में भी पढ़ने वाले बच्चों के शिक्षा प्रति लगाव एवं अपनी संस्कृति का ज्ञान देखकर बड़ा ही सुखद अनुभव प्राप्त हुआI एकल विद्यालय के बच्चो ने गिनती और पहाड़ा भी सुनायेI इतना ही नही बच्चों ने पूछे गये कुछ रोचक पहेलियों एवं प्रश्नों का बड़े ही तत्परता से उत्तर दिया साथ ही विद्यालय में प्रतिदिन कराए जाने वाले क्रियाकलापों को बड़े ही व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करके लोगों को खूब प्रभावित किया। एकल विद्यालय के बच्चों ने खेल के माध्यम से पढ़ाई जाने वाले विधि से लोगों का मन मोह लिया I भारत लोक शिक्षा परिषद् के केंद्रीय कार्यालय की तरफ से बच्चों को कुछ उपहार भी दिए गए जिसमें बच्चों के पठन-पाठन से संबंधित चीजें शामिल थे।
सभी महानुभावों ने एकल विद्यालय की आचार्या से बातचीत करके विद्यालय संचालन की बारीकियों को समझा और संचालन में आने वाली बाधाओ, बच्चों की उपस्थिति, विद्यालय में आयोजित होने वाले जयंती एवं अन्य कार्यक्रमों की भी जानकारी प्राप्त कीI बच्चों के साथ अपने अनुभव भी साझा किये और बच्चों के अविभावकों से बात चीत कर विद्यालय के संचालन के बारे में भी जानकारी ली I एकल विद्यालय की वनयात्रा का अनुभव बहुत ही सुखद रहा ग्रामवासियों के प्यार और बच्चों की प्रतिभा को देखकर ह्रदय ख़ुशी से हर्षित हो उठा I