भारतीय क्रिकेट आखिरकार गुलाबी रंग में रंगने जा रहा है और बांग्लादेश के खिलाफ शुक्रवार से शुरू हो रहे ऐतिहासिक डे-नाइट टेस्ट में विराट कोहली की टीम का पलड़ा निश्चित तौर पर भारी रहेगा.
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की अगुवाई में बीसीसीआई ने गुलाबी गेंद से यह टेस्ट कराने का अभूतपूर्व फैसला लिया. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद टेस्ट में दर्शकों की रूचि फिर जगाने के लिए सात साल पहले इसे मंजूरी दे चुकी है.
गांगुली ने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को भी काफी कम समय में इस डे-नाइट टेस्ट के लिए मना लिया. अभी तक दुनिया भर में 11 डे-नाइट टेस्ट खेले जा चुके हैं. चार साल पहले ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच पहला डे-नाइट टेस्ट खेला गया था.
ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल वहीं पर डे-नाइट टेस्ट खेलने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन भारत राजी नहीं हुआ था. इसकी वजह एसजी गुलाबी गेंद थी जिसे सूर्यास्त के बाद देखना कठिन होता है.
इस पर अगर ओस की भूमिका हो तो गेंदबाजों की दिक्कत बढ़ जाती है. गांगुली और कोहली हालांकि इसके लिए तैयार हो गए. मौजूदा भारतीय कप्तान को इसके लिए हां कहने में सिर्फ तीन सेकंड लगे.
अभी तक टेस्ट की तैयारी शानदार रही है. पहले चार दिन के पूरे टिकट बिक चुके हैं, जो दूधिया रोशनी में मैच कराने का लक्ष्य भी था. इस पूरी हाइप के बीच भारतीय टीम घरेलू सीरीज में लगातार 12वीं जीत की तैयारी में है.