दिल्ली:- (आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया रिपोर्ट) भारत को बीमारी मुक्त बनाने की दिशा में काम कर रहे अग्रणी स्वयंसेवी संगठन हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा वर्ल्ड एड्स डे पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन एशियाड विलेज कार्यालय पर किया गया। इस कार्यक्रम में एचआईवी पॉजिटिव मरीज भी सहभागी हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीएसएसी के एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ प्रवीण कुमार रहे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इस बात की जानकारी देना था कि एचआईवी मरीज को दिए जाने वाले उपचार से न केवल उसकी स्थिति का प्रबंधन किया जा सकता है, बल्कि उनके पार्टनर को भी बचाया जा सकता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पद्मश्री अवार्डी एवं एचसीएफआई तथा सीएमएएओ के अध्यक्ष डॉ के के अग्रवाल ने कहा कि यह ज्ञातव्य है कि 20 वर्षों से एआरटी उपचार एचआईवी ट्रांसमिशन को कम कर रहा है।
हालांकि अब यह भी क्लियर है कि जोखिम न सिर्फ कम बल्कि पूरी तरह रुक गया है। एआरटी आपके पार्टनर को प्रोटेक्ट करता है। व्यक्ति को प्रतिदिन एआरटी लेना चाहिए और अज्ञात वायरल लोड से बचने के लिए कम से कम तीन माह तक एक भी डोज चुके बिना दवाएं लेना चाहिए।
डॉ मीनाक्षी दत्ता घोष ने बताया कि जागरूकता अभियान, विभिन्न राज्यों में एआरटी उपचार व्यवस्था और उन्नत तकनीक ने इसे संभव किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की भी सलाह है कि नए एचआईवी-सेल्फ-टेस्टिंग और पार्टनर नोटिफिकेशन एप्रोच बढ़ाये जाने चाहिए, ताकि अनजाने लोगों में एचआईवी टेस्टिंग की सुविधा को बढ़ाया जा सके।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ प्रवीण कुमार ने कहा कि जांच और उपचार पॉलिसी का प्रत्येक व्यक्ति को पालन करना चाहिए। एआरटी सभी एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों में सीडी 4 काउंट के लिए शुरू किया जाना चाहिए।
विशेष अतिथि फिरोज खान ने कहा कि निमित्त उपचार लेते हुए एआरटी का धन्यवाद दिया जाना चाहिए। एचआईवी अब कलंक ना होकर हेपेटाइटिस बी सी की तरह हो गया है।
इस अवसर पर डॉ. के के कालरा एवं डॉ. श्रीमती वीणा अग्रवाल एवं श्री अमित आहुजा भी विशेष रूप से उपस्थित थे॥
एचसीएफआई के कुछ सुझाव
एक एंटीरेट्रोवाइरल सिंगल पिल (3 ड्रग्स कॉम्बिनेशन) जो एक बार लिया जाता है, वह एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को एक सामान्य जीवन अवधि जीने के लिए अपरिवर्तनीय और वायरस को अनिच्छुक बना सकता है।
एचआईवी वाली गर्भवती महिलाओं में, यह वायरस के प्रसवकालीन संचरण को रोकता है।
एचआईवी नकारात्मक किंतु जोखिम श्रेणी में आये लोगों के लिए, पूर्व-जोखिम प्रोफिलैक्सिस के रूप में एक एकल गोली रोजाना लेने से एचआईवी जोखिम 99% तक कम हो जाता है।
आपातकालीन पोस्ट-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस एचआईवी को रोकता है अगर एक्सपोज़र के 3 दिनों के भीतर शुरू किया जाता है और 28 दिनों के लिए अतिरिक्त लिया जाता है।(आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया रिपोर्ट )
विश्व एड्स दिवस पर एचसीएफआई , दिल्ली का जागरूकता कार्यक्रम संपन्न
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