निर्वाचन आयोग ने कल निर्वाचन भवन में दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा प्रेस कांफ्रेंस में की। चुनाव आयोग ने बताया कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 8 फरवरी को चुनाव होंगे और 11 फरवरी को मतों की गणना के बाद नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने बताया कि दिल्ली में तत्काल प्रभाव से आचार संहिता लागू हो गई है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते हीं दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी अपने कामकाज और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहारे सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए हुए है तो बीजेपी केंद्र सरकार के काम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को सामने रख जीत की कवायद में है. यही वजह है कि बीजेपी ने दिल्ली में मुख्यमंत्री के चेहरे के बजाय सामूहिक और केंद्रीय नेतृत्व के सहारे चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है. केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का संकेत देकर कमोबेश यही बात कही है.
दरअसल दिल्ली के चुनाव संग्राम में बीजेपी को मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ उतरने का दांव कभी नहीं सुहाया है. दिल्ली में 1993 से लेकर 2015 तक छह विधानसभा चुनाव हुए हैं. बीजेपी इनमें से पांच बार मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ साथ मैदान में उतरी थी और उसे हर बार हार का सामना करना पड़ा पड़ा. दिल्ली में महज एक बार बीजेपी ने सीएम फेस की घोषणा नहीं की थी और तब दिल्ली में सरकार बनाने में कामयाब रही थी. इसीलिए पिछले दिनों बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने की घोषणा करने के बाद केंद्रीय मंत्री और दिल्ली के सहप्रभारी हरदीप पुरी पलट गए थे और इसे वापस ले लिया था.
कल शाम से दिल्ली में चुनाव आचार संहिता लागू हो चुका है ।
दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटें।
14 जनवरी- अधिसूचना जारी होगी।
21 जनवरी- नामांकन भरने की अंतिम तारीख है।
22 जनवरी- नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी होगी।
24 जनवरी- नाम वापस लेने की आखिरी तारीख।
8 फरवरी- चुनाव होंगे।
11 फरवरी- नतीजे आएंगे।
दिल्ली में एक करोड़ 46 लाख वोटर।
चुनाव में 90 हजार कर्मचारियों की जरूरत।
दिल्ली में 2689 जगहों पर वोटिंग होगी।
13750 पोलिंग बूथ पर डाले जाएंगे वोट।