CAA और NRC पर विरोध के चलते शाहीन बाग में ट्रैफिक की स्थिति पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना आदेश दोहराया है । एक ओर जहां ये प्रदर्शन पूरे देश में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के लिए मिसाल बन रहा है, वहीं इसकी वजह से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को लेकर 35 छात्रों ने हाईकोर्ट में शाहीन बाग प्रदर्शन के खिलाफ याचिका डाली है। याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शन के चलते बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में काफी परेशानी आ रही है।
बच्चों की इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि कालिंदी कुंज-शाहीन बाग का जो रास्ता बंद है, पुलिस उस पर ध्यान देकर एक्शन ले ताकि छात्रों को परेशानी न हो। जस्टिस नवीन चावला ने मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस को निर्देश दिया है कि सरिता विहार रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन बातों पर गौर करे और उसका समाधान करें।
मंगलवार (14 जनवरी) को कोर्ट ने एक आदेश जारी किया था, इसके बाद नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाले रोड 13-ए पर बंद को हटाने के लिए कोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी। इसके बाद कोर्ट ने शुक्रवार (17 जनवरी) को दिल्ली पुलिस को फिर से आदेश दिया। 16 दिसंबर 2019 से लगभग 500 प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर स्थित कालिंदी कुंज के पास शाहीन बाग में रास्ता रोक रखा है। अप-डाउन दोनों रोड ब्लॉकः प्रदर्शनकारियों ने सरिता विहार से नोएडा की तरफ जाने वाली सड़क पर एक मंच बना रखा है।
बता दें कि यहां अप-डाउन दोनों तरफ रोड ब्लॉक है। इसके चलते निजामुद्दीन ब्रिज, मथुरा रोड और आश्रम के हिस्सों में भी जाम बढ़ गया है। जस्टिस नवीन चावला ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि स्कूली छात्रों और उनकी बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए कदम उठाने के निर्देश दिए।
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को भी प्रदर्शनकारियों से रास्ते से हटने की अपील की थी। उन्होंने कहा था हाइवे को पूरी तरह से ब्लॉक किए जाने से दिल्ली-एनसीआर के लोगों खासतौर से वरिष्ठ नागरिकों, मरीजों और स्कूली बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मंगलवार की सुबह चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर ने रोड ब्लॉक हटाने की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि इसे पुलिस पर छोड़ देना चाहिए कि उन्हें ट्रैफिक कैसे हैंडल करना है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अथॉरिटीज को शिकायत पर ध्यान देना चाहिए और कानून, नियमों और सरकारी नीति के हिसाब से कदम उठाना चाहिए।