नई दिल्ली: लोकसभा में गुरुवार को कृषि सुधार विधेयक पारित कर दिए गए. विधेयक पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में इसे किसानों के लिए महत्वपूर्ण क्षण बताया. प्रधानमंत्री ने ट्वीट में लिखा, लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है. ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से फ्री करेंगे।
विधेयक पारित होने के बाद कई मंत्रियों और नेताओं की प्रतिक्रिया आई है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, लोक सभा ने किसानों के हित में आज एक ऐतिहासिक विधेयक पास किया है. किसान अब अपनी फसल मंडी या मंडी के बाहर, जहां भी अच्छा मूल्य मिले वहां बेच सकेंगे. किसान बिचौलियों के शोषण से मुक्त हो सकेंगे. किसानों हित के इस ऐतिहासिक क़ानून के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में आज आज़ादी के बाद कृषि क्षेत्र में हुए सबसे बड़े सुधारों में से एक को लोक सभा की मंजूरी मिल गई. भारत की कृषि का उद्योगों से बेहतर लिंक बनेगा, कृषि उत्पादों के लिए किसानों को सही मूल्य मिलेगा और उनका जीवन समृद्ध होगा।
कृषि विधेयक पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 कृषि उपज के कुशल, पारदर्शी और बाधारहित अंतर-राज्य और राज्य के भीतर व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगा. इससे किसानों और व्यापारियों को बिक्री और खरीद के लिए पसंद की स्वतंत्रता प्राप्त होगी. कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 का लोकसभा में पास होना एक नए युग का आरंभ है. यह विधेयक किसान बहनों-भाइयों के हितों का संरक्षण सुनिश्चित करेगा. इस लोक कल्याणकारी प्रयास के लिए प्रधानमंत्री जी का आभार
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, मौसम के जोखिम और बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा के कारण इस अध्यादेश ने किसानों के लिए नई संभावनाओं और नई आशाओं के द्वार खोल दिए हैं एवं किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है. गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य वर्ष 2014-15 के 1400 रुपये प्रति क्विंटल मुकाबले वर्ष 2020-21 में बढ़कर 1925 रुपये हो गया है, जो लगभग 37.5% की वृद्धि को दर्शाता है.
PMKian योजना के एक वर्ष के भीतर ही 10 करोड़ से अधिक किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं. इसके अंतर्गत अब तक, DBT के माध्यम से 93,000 करोड़ रुपये की राशि किसानों के खतों में हस्तांतरित की गई है. इसी प्रकार की प्रतिक्रिया केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आई हैं।