प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशों से आने वाली फ़र्टिलाइज़र में 800 करोड़ रुपए की कमीशनखोरी को लेकर दर्ज हुए मामले में आरजेडी के राज्यसभा सांसद ए डी सिंह को गिरफ्तार किया है. कमीशनखोरी के इस मामले में इफको और इंडियन पोटाश लिमिटेड के प्रबंध निदेशकों समेत अगस्ता वेस्टलैंड मामले का आरोपी राजीव सक्सेना भी शामिल है|
राष्ट्रीय जनता दल से राज्यसभा के सांसद अमरेंद्र धारी सिंह के बारे में बताया जाता है कि जब इनका नाम राज्यसभा से सांसद उम्मीदवार के तौर पर सामने आया तो आरजेडी के ही ज्यादातर लोग इन्हें नहीं जानते थे. अब प्रवर्तन निदेशालय ने इन्हीं अमरेंद्र धारी सिंह को विदेशों से आने वाली खाद में हुई दलाली और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोप है कि अमरेंद्र धारी सिंह और उनके सहयोगियों ने इंडियन पोटाश लिमिटेड और इफको के बड़े अधिकारियों के साथ मिलकर विदेशों से आने वाली खाद को बढ़े हुए मूल्यों पर खरीदा दिखाया और इस बारे में दलाली के पैसे को विभिन्न कंपनियों में मनी लॉन्ड्रिंग भी किया|
दिलचस्प यह भी है कि इस खरीद-फरोख्त में केंद्र सरकार से खाद में मिलने वाली सब्सिडी का पैसा भी लिया गया जिसके चलते केंद्र सरकार को भी करोड़ों का चूना लगा. अमरेंद्र धारी सिंह ज्योति ट्रेडिंग कॉरपोरेशन दुबई की कंपनी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी हैं और इस कंपनी की इस पूरे घोटाले में अहम भूमिका बताई जाती है. जांच एजेंसियों के सामने अब तक जो रिकॉर्ड आया है उसके मुताबिक अमरेंद्र धारी सिंह और उनके सहयोगियों की कंपनियों के खातों समेत उनके अपने खातों में कमीशन खोरी के लगभग 685 करोड़ रुपए आए थे और कमीशन खोरी की इस रकम को अमेरिका में रहने वाले एन आर आई भारतीयों की कथित कंपनियों में ट्रांसफर किया गया|
जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय ने अमरेंद्र धारी सिंह से अनेकों बार पूछताछ की थी लेकिन वे पूछताछ में पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रहे थे. लिहाजा जानकारी छुपाने और ईडी को सहयोग न करने के आरोप में उन्हें उनके दिल्ली स्थित डिफेंस कॉलोनी निवास से गिरफ्तार कर लिया गया. अब ईडी जानना चाहता है कि इस मामले में शामिल घोटाले की रकम को किस तरह से ठिकाने लगाया गया और इसमें अमरेंद्र धारी सिंह का कितना कमीशन था|