देश में जातिगत आधारित जनगणना की मांग के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ओबीसी की अलग जनगणना की मांग की है. पूर्व सीएम मायावती ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को समर्थन देने की भी बात कही है. मायावती ने शुक्रवार को कहा कि देश में ओबीसी समाज की अलग से जनगणना कराने की मांग पर केंद्र सरकार अगर कोई सकारात्मक कदम उठाती है तो बसपा संसद के अन्दर व बाहर भी इसका जरूर समर्थन करेगी|
मायावती ने ट्वीट किया, “देश में ओबीसी समाज की अलग से जनगणना कराने की मांग बसपा शुरू से ही करती रही है तथा अभी भी बसपा की यही मांग है और इस मामले में केंद्र की सरकार अगर कोई सकारात्मक कदम उठाती है तो फिर बसपा इसका संसद के अन्दर व बाहर भी समर्थन जरूर करेगी.”
अभी हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग की थी. सीएम
देश में आखिरी जाति आधारित जनगणना आजादी से पहले साल 1931 में हुई थी. इसी आंकड़े के आधार पर बताया गया है कि देश में ओबीसी आबादी 52 फीसदी है. जाति के आंकड़ों के बिना काम करने में मंडल आयोग को काफी दिक्कत आई और उसने सिफारिश की थी कि अगली जो भी जनगणना हो उसमें जातियों के आंकड़े इकट्ठा किए जायें|