नई दिल्ली।
राम-जानकी संस्थान पाॅजिटिव ब्राॅडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) की गुजरात परिक्रमा
विश्व की सबसे ऊंची सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा को 25 फरवरी2024 को नमन् कर प्रारंभ हुई , जिसका समापन 4 मार्च को साबरमती आश्रम,अहमदाबाद पहुंचकर संपन्न हो गई। दांडी कूच के उपलक्ष्य में रविवार 10 मार्च को आयोजित वेबिनार के अनुसार
इस परिक्रमा की मेजबानी श्री सत्य कबीर साहेब नी गद्दी ,श्री कबीर आश्रम जामनगर और बड़ोदरा निवासी प्रफुल्ल डी शेठ व रंजनबेन शेठ ने की, जिसमें साधु प्रेम सागर जी का सानिध्य प्राप्त हुआ।
सचित्र वेबिनार का आरंभ अमीर खुसरो के दोहे ” खुसरो दरिया प्रेम का उल्टी बाकी धार, जो उतरा सो डूब गया,जो डूबा सो पार।”
10 मार्च सावित्रीबाई फुले, प्रथम हिन्दुस्तानी शिक्षिका की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी गई।
आरजेएस पीबीएच संस्थापक उदय कुमार मन्ना के नेतृत्व व संयोजन में 24 फरवरी को दिल्ली से
11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल
ने गुजरात के केवड़िया,बड़ोदरा, जामनगर,द्वारका, वेट द्वारका, पोरबंदर, मोचा हनुमान मंदिर, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, सोमनाथ मंदिर,बरड़िया , खंभालिया,
साबरमती और अहमदाबाद आदि जगहों की सफल परिक्रमा करते हुए दिल्ली वापसी की, जिसे वेबिनार में सचित्र प्रस्तुत किया गया । प्रतिनिधि मंडल में दीपचंद माथुर,प्रो.बिजाॅन कुमार मिश्रा,प्रफुल्ल डी शेठ, रंजन बेन, साधु प्रेम सागर जी, सुरजीत सिंह दीदेवार, मनोहर मनोज,प्रफुल्ल पाण्डेय,
बिंदा मन्ना और आकांक्षा मन्ना शामिल हुए जबकि अशोक कुमार मलिक आभासी जुड़े रहे। सभी ने अपनी-अपनी प्रेरक व सकारात्मक यात्रा वृत्तांत सुनाई।
वेबिनार में अशोक कुमार मलिक ने सद्गुरु कबीर, गांधी,पटेल , सयाजीराव गायकवाड़ 3, डा.अंबेडकर, महर्षि अरविन्द, दादा भाई नौरोजी, श्यामजी कृष्ण वर्मा, भीकाजी कामा,हंसाजीवराज मेहता, उस्ताद मौला बक्स और विक्रम साराभाई को आरजेसियंस की ओर से श्रद्धांजलि दी। गुजरात
परिक्रमा के दौरान गुजरात की लाईब्रेरी एमएसयू , महाराजा फतेहसिंह म्यूजियम, पारूल यूनिवर्सिटी, बड़ोदरा , युनिवर्सिटी, खंभालिया जिला पुस्तकालय, साबरमती आश्रम पुस्तकालय,श्री कबीर आश्रम, समर्पण हाॅस्पीटल व गौशाला,जामनगर ,श्री सत्य कबीर शांति आश्रम, पोरबंदर सहित रेलवे स्टेशन मास्टर्स, गुजरात पुलिस-वेट द्वारका, पूर्व सैनिक धर्मनाथ सिंह व साथी सत्यनाम ज्वैलर्स परिवार, पत्रकार आरएन राजगुरु और अन्य संस्थानों को आरजेएस पीबीएच का ग्रंथ -2 भेंट किया गया और पाॅजिटिव मीडिया डायलॉग हुआ। गुजरात परिक्रमा सफलतापुर्वक संपन्न कर सभी वापस दिल्ली 4 मार्च को लौट आए।