Wednesday, December 4, 2024
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विश्व मृदा दिवस पर माता रामरती देवी मंदिर के सहयोग से प्राकृतिक खेती पर आरजेएस पीबीएच वेबिनार आयोजित

नई दिल्ली। बिना उर्वरक के प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की योजना राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन(एनएमएनएफ) की मंजूरी के मद्देनजर किसानों को जागरूक करने के लिए विश्व मृदा दिवस(5 दिसंबर) के उपलक्ष्य में आरजेएस पीबीएच ने कार्यक्रम आयोजित किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आईएआरआई पूसा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.चंद्रभान सिंह, मुख्य वक्ता भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक और अतिथि वक्ता कृषि जागरण की पत्रकार श्रृति जोशी ने
प्राकृतिक खेती: स्वस्थ मिट्टी स्वस्थ भोजन विषय पर अपने विचार व्यक्त किए ।
राम-जानकी संस्थान पाॅजिटिव ब्राॅडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) और आरजेएस पॉजिटिव मीडिया के संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना के संयोजन व संचालन में राजेन्द्र सिंह कुशवाहा संस्थापक -माता रामरती देवी मंदिर कृषक प्रयोगशाला एवं कृषक पर्यटन के स्थल, कान्धरपुर, गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश के सहयोग से प्राकृतिक खेती: स्वस्थ मिट्टी स्वस्थ भोजन पर 29 नवंबर 2024 को वेबिनार आयोजित किया गया था.
श्री राजेन्द्र सिंह कुशवाहा, अतिथि संपादक आरजेएस पीबीएच न्यूज़ लेटर
ने अतिथियों का स्वागत किया और उनकी उपस्थिति में न्यूज़ लेटर नवंबर अंक पर प्रकाश डाला। आरजेएस पीबीएच के ऑब्जर्वर प्रफुल्ल डी शेठ -रंजनबेन शेठ ने सकारात्मक आंदोलन में विशेष सहयोग करने के लिए मौ.इशहाक खान और पाॅजिटिव मीडिया संस्थान समाचार निर्देश, नजफगढ़ मेट्रो और द्वारका परिचय को सर्टिफिकेट ऑफ अप्रिसिएशन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय सम्मान समारोह 15 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में एनआरआई और
ट्रू आरजेसियंस की उपस्थिति में आरजेएस का ग्रंथ 04 पुस्तक का लोकार्पण किया जाएगा।
इस अवसर पर प्राकृतिक खेती के जनक राजा भूमिबोल, दार्शनिक फुकुओका और सुभाष पालेकर को आरजेसियंस ने श्रद्धांजलि दी.
डा. चंद्रभान सिंह ने प्राकृतिक खेती के तरीकों की आवश्यकता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए तरीकों की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सब्सिडी के साथ साथ किसान प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स से अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती की क्षमता, रीसाइकलिंग और खाद बनाने के महत्व का भी उल्लेख किया।
श्री धर्मेंद्र मलिक ने जैविक खेती, कीटनाशकों और उर्वरकों का उपयोग, अनुवांशिक रूप से संशोधित बीज ,बीज संरक्षण और प्रौद्योगिकी के माध्यम से मूल्य संवर्धन आदि विषयों पर किसानों को जागरूक किया। कृषि पत्रकार श्रृति जोशी ने प्राकृतिक खेती के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में कृषि पत्रकार अनिकेत सिन्हा, किसान राजवीर सिंह और सुमित कुमार त्यागी, सुदीप साहू,रजनीकांत शुक्ल, उदय शंकर सिंह,स्वीटी पॉल, सुषमा सिंह, गीता मौर्या, आकांक्षा मयंक और कपिल आदि शामिल रहे।

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