देश के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक विकास में वार्ष्णेय वैश्य समाज का बहुत बड़ा योगदान रहा है और प्राचीन काल से ही राष्ट्र निर्माण में वार्ष्णेय वैश्य समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है।
वार्ष्णेय एक प्राचीन वैदिक भारतीय जाति है, जो महाराजा वृष्णि के वंशज है। द्वापर काल में श्री हरि विष्णु ने अपने आठवे अवतार इसी कुल में सोलह कलाओं से नपुण, योगीराज भगवान श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया था।
हमें देखने और सुनने को मिलता है कि देश में कई वैश्य समाज के घराने हैं जो लगभग सभी शीर्ष पार्टियों की हर संभव मदद करते हैं, परन्तु जब वैश्य समाज को उनके सहयोग की आवश्यकता पड़ती है उस समय कोई भी राजनीतिक पार्टी या इनके सम्मानित पदाधिकारी वैश्य समाज के सहयोग करने को आगे नहीं आते।
अतः अब वैश्य समाज का अभिन्न हिस्सा माने जाने वाले “वार्ष्णेय समाज” ने अपनी राजनीतिक सुदृढ़ता पाने के लिए खुद की पार्टी बनाने का निर्णय लिया है तथा उसकी तैयारी में जुट गया है |
इसी सन्दर्भ में वार्ष्णेय समाज के प्रतिष्ठित लोगों ने संगठित होकर आज दिल्ली के प्रीत विहार में एक बैठक की।बता दें कि बैठक में समाज के सभी लोगों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि वार्ष्णेय समाज को राजनीतिक पार्टी का गठन कर राजनीति में सक्रिय रूप से अपनी भागीदारी निभानी चाहिये। जिससे वार्ष्णेय समाज अब राजनीति में भी अपनी पहचान बना सकें।
वैसे तो हम सब जानते है कि वार्ष्णेय समाज हमेशा से ही सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों को बहुत ही धूमधाम से मनाता रहा एवं बढ़चढ़ कर सहयोग करता रहा है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को सांस्कृतिक कार्यक्रम के सहारे एकदूसरे से जोड़ने के लिये प्रोत्साहित करता रहा है।
वैसे तो कहा जाता है कि बीजेपी वैश्य समाज की पार्टी है लेकिन पिछले 10 सालों से जिस तरह से सरकार ने अपने मजबूत वोट बैंक को नजरअंदाज किया है या अन्य राजनीतिक पार्टियों ने वैश्य समाज की अनदेखी की है उस लिहाज से हम कह सकते है कि वार्ष्णेय समाज का यह कदम काफी सराहनीय प्रयास है। क्योंकि खुद की पार्टी के तौर पर आगे आना वैश्यों के लिए कहीं न कहीं एक अच्छा कदम साबित होगा।
बता दें कि मीटिंग में सभी की सर्वसम्मति से श्री अनिल वार्ष्णेय(गुडगाँव) को राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री पीसी गुप्ता (फरीदाबाद ) मीडिया प्रभारी और श्री प्रखर वार्ष्णेय को सह मीडिया प्रभारी नियुक्त किया गया। साथ ही संगठन की अगली मीटिंग वृंदावन में स्थित कुल शिरोमणि श्री अक्रूर जी धाम में आयोजित की जाएगी, जिसकी तारीख़ और समय की सूचना जल्द ही जारी की जायेगी।
बैठक में अखिल भारतीय श्री वैश्य बारहसैनी महा सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुशील वार्ष्णेय जी ने पूरी महासभा की तरफ से इस मुहिम को पूरा समर्थन देने का वादा किया साथ ही अनिल वार्ष्णेय जी को बधाई दी।
श्री अनिल वार्ष्णेय (गुडगाँव) राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि आगामी बैठक में संस्थापक सदस्यों से विचार-विमर्श के अनुसार पार्टी में विभिन्न पदों पर पदाधिकारियों की नियुक्त की जायेगी, साथ ही पार्टी की नीतियों एवं भविष्य की योजनायें भी साझा की जायेगीं ।
साथ ही उन्होंने बताया की इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए देशभर के वार्ष्णेय समाज को इकठ्ठा किया जायेगा, और उन्हें अपनी पार्टी से जोड़ने का प्रयास भी किया जायेगा |
वार्ष्णेय समाज को आरक्षण की मार झेलनी पड़ती है, वार्ष्णेय समाज के बच्चे अच्छे अंक आने के बाद भी आरक्षण न मिलने की वजह से पीछे छूट जाते हैं।
बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि वार्ष्णेय समाज को भी आरक्षण का लाभ मिले इसके लिए सरकार से मांग की जाएगी और एक राजनितिक पार्टी के रूप में हम सरकार पर दबाव भी बनाने का प्रयास करेंगे।
बैठक में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, दिल्ली सहित देश कई शहरों से लोग सम्मिलत हुए । इसी दौरान डॉ राम रत्न गुप्ता, देवेंद्र कुमार (फरीदाबाद), अनिल वार्ष्णेय (फरीदाबाद), शिव नारायण वार्ष्णेय,शरद वार्ष्णेय, दीपक गुप्ता, जयपाल गुप्ता, सुशील वार्ष्णेय, रेखा गुप्ता, बृजमोहन गुप्ता, महेश गुप्ता, गिरीश बाबू गुप्ता, अजय गुप्ता, निमृल कुमार दीपक, मुकेश वार्ष्णेय, शिवम रतन, प्रकाश चंद्र गुप्ता, सीए प्रदीप वार्ष्णेय , उमेश वार्ष्णेय, जय गोपाल वार्ष्णेय, उमेश वार्ष्णेय, बी एल गुप्ता, कमल गुप्ता, बाँके बिहारी गुप्ता, माधव लोचन, सौरभ वार्ष्णेय, सिया राम वार्ष्णेय, योगेश कुमार वार्ष्णेय, गिरीश गुप्ता, सोनू वार्ष्णेय, त्रिलोक गुप्ता, संजीव वार्ष्णेय, संजय गुप्ता, अजय गुप्ता, राकेश वार्ष्णेय , दिनेश गुप्ता, लक्ष्मी नारायण, राकेश गुप्ता, अनिल वार्ष्णेय, दीपक गुप्ता,गिरीश वार्ष्णेय मौजूद रहे।