नए जीवित व्यक्तियों को नुक्सान पहुँचाने वाले के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही करने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार को गंगा और यमुना नदी को मनुष्य की तरह ही सारे अधिकार देने चाहिए
उत्तराखंड उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एक और ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आज गंगोत्री और यमुनोत्री ग्लेसियरों के साथ हवा, पानी, नदियों, धाराओं, श्रोतो, जंगलों को जीवित मनुष्य का दर्जा व अधिकार देते हुए सभी मौलिक अधिकार दे दिए हैं।
न्यायालय ने नमामी गंगे से जुड़े सभी विभागों को इन नए जीवित व्यक्तियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने को कहा है। साथ में न्यायालय ने इन नए जीवित व्यक्तियों को नुक्सान पहुँचाने वाले के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही करने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार को गंगा और यमुना नदी को मनुष्य की तरह ही सारे अधिकार देने चाहिए।
देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब इस तरह का फैसला किसी कोर्ट ने नदियों को लेकर सुनाया है। इससे पहले केवल न्यूजीलैंड में ही नदी को इस तरह का दर्जा दिया जाता है। कोर्ट ने कहा है कि इस सबका पूरा ब्लू प्रिंट तैयार करके सरकारें काम करें ।