सुप्रीम कोर्ट के फैसले से गुजरात, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र के उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
टाटा और अडानी पावर 5 राज्यों में बिजली की ज्यादा कीमत नहीं वसूल सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत देने से मना कर दिया है। दोनों कंपनियां इंडोनेशिया में कोयले की कीमत बढ़ने का हवाला देते हुए बिजली सप्लाई के ज्यादा पैसे चाहती थीं।
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन ने दिसंबर में दोनों कंपनियों को बिजली की कीमत बढ़ाने की इजाजत दे दी थी। लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने इससे मना कर दिय। इस फैसले से गुजरात, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र के उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
टाटा समूह का कोस्टल गुजरात पावर लिमिटेड और अडानी पावर का मुंद्रा प्रोजेक्ट इन 5 राज्यों में 8620 मेगावाट बिजली की सप्लाई करते हैं। बिजली उत्पादन के लिए ये कंपनियां इंडोनेशिया से कोयला आयात करतीं हैं। 2010 में इंडोनेशिया के कानून में बदलाव के बाद आयात महंगा हुआ है।
इसी आधार पर एपिलेट ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी और CERC दोनों कंपनियों को बिजली की कीमत बढ़ाने की इजाजत दे दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पी सी घोष और आर एफ नरीमन ने साफ कर दिया कि कंपनियों को राज्यों के साथ हुए समझौते का पालन करना होगा।