भारत को उम्मीद है की रूस उसे एनएसजी की सदस्यता दिलाने के लिए चीन पर दबाव डालेगा।
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के लिए भारत ने रूस पर दबाव बनाना शुरू किया कर दिया है। भारत ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसने एनएसजी के लिए भारत का समर्थन नहीं किया तो वो कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना की 5वीं और 6वीं रिऐक्टर यूनिट्स को विकसित करने से जुड़े समझौते को ठंडे बस्ते में डाल सकता है।
भारत को उम्मीद है की रूस उसे एनएसजी की सदस्यता दिलाने के लिए चीन पर दबाव डालेगा। भारत ने कहा है कि अगर आने वाले सालों में उसे एनएसजी की पूर्ण सदस्यता नहीं मिलती है तो वह परमाणु ऊर्जा विकास के अपने कार्यक्रम में विदेशी पार्टनर्स से सहयोग करना बंद कर देगा।
भारत और रूस के बीच रिश्तों में उस तरह की गर्मी नहीं है जो तीन या चार दशक पहले थे। अंतरराष्ट्रीय संबंध कभी एक जैसे नहीं होते हैं। जरूरतें रिश्तों में गर्माहट या तल्खी पैदा करती हैं। ये एक ऐतिहासिक सत्य है कि निर्गुट होने के बावजूद भारत का झुकाव रूस की तरफ रहा।